*धर्म कर्म से ही संस्कार की उत्तपत्ति– लालबहादुर।
वाराणसी/पिंडरा- मनुष्य में देवत्य का उदय हो और धरती पर स्वर्ग का अवतार हो ऐसा भाव रखते हुए पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का समापन हुआ। जिसमें दर्ज़नो लोगों ने आहुति दी ।
थानारामपुर स्थित मां दुर्गा मन्दिर के प्रांगण में आयोजित एक दिवसीय पांच कुंडीय महायज्ञ के अवसर पर उपस्थित सैकड़ो भक्तों को संबोधित करते हुए टोली नायक लालबहादुर जी ने कहाकि आज पारिवारिक भावना छिन्न भिन्न हो चुकी है। आपस का प्यार और सहयोग समाप्त होने लगा है।लोगों में कटुता की भावना अधिक भीड़ बढ़ गई है। आज के परिवेश में धर्म और कर्म की सख्त जरूरत है।इससे परिवार में संस्कार की उत्पन्न होते है, और पारिवारिक ढांचा सुदृढ होने के साथ समाज पुर्न गौरव को प्राप्त कर सकता है।
इस दौरान टोली नायक के साथ डॉ अरविंद कुमार, तबलावादक अनूप ठाकुर, बांसुरीवादक दीपक केसरी रहे।
कार्यक्रम के दौरान प्रमुख रूप से सुभाष चंद्र, गुलाबचंद, रामचन्द्र गुप्त, डॉ मनोज गुप्त ,डॉ नितेश, संजय, अजय विवेक व सुरजीत समेत दर्ज़नो लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय नेशनल हेड(AV News)