शिक्षिकाओं के स्थानांतरण से गुस्साए लड़कियों ने 5 घंटे किया शोर शराबा

*जिला विद्यालय निरीक्षक ने मामले को कराया शांत
*लड़कियों के हाथ पैर टूटने की अफवाह से स्कूल के बाहर सैकड़ों अभिभावक का ग्रामीणों की लगी रही घंटों भारी भीड़

वाराणसी/रोहनिया – राजकीय कन्या इंटर कॉलेज जक्खिनी की छात्राएं बुधवार की सुबह प्रार्थना होने के बाद ही उग्र हो गयी और जमकर नारेबाजी करने लगी। लड़कियां यहां पर से स्थानांतरित की गई तीन शिक्षिकाओं को वापस बुलाए जाने की मांग करती रहे। इंटर की कक्षाओं में पढ़ रही छात्राओं ने यह शुरुआत की जिसमें विद्यालय की सारी लड़कियां शामिल हो गई।प्रधानाचार्य के मना करने के बावजूद लड़कियां जिद पर अड़ी रही और कक्षाओं में नहीं गई।इन लड़कियों का कहना था कि विद्यालय की तीन शिक्षकाएं बीच सत्र में अन्यत्र स्थानांतरित कर दी गई हैं। उन्हें विद्यालय में लाया जाए ताकि इनकी पढ़ाई प्रभावित ना हो। प्रधानाचार्य व शिक्षिकाओं के कई बार कहने के बाद भी लड़कियां क्लास में नहीं गई और परिसर में ही जोरदार नारेबाजी करती रही। नारेबाजी करने पर विद्यालय का गेट बंद कर पुलिस को सूचना दी गई। लगातार नारेबाजी किये जाने वह पुलिस बुलाए जाने के भय के कारण कई लड़कियां बेहोश भी हो गई थी।जिन्हें एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जक्खिनी इलाज के लिए पहुंचाया गया।इस बीच यह सूचना विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के अभिभावकों व गांव के अगल-बगल के लोगों को भी हुई। गांव में सूचना मिलते ही भारी संख्या में अभिभावक व ग्रामीण पुरुष तथा महिलाएं विद्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए। बाहर से कुछ ग्रामीण भी गेट खोले जाने को लेकर शोरगुल करने लगे।लोगों में इस बात की सूचना फैल गई थी कि लड़कियों को काफी मारा पीटा गया है जिससे कई लड़कियों के हाथ पैर टूट गए हैं कई लड़कियां बेहोश हो गई है। सूचना मिलने के बाद जक्खिनी व रोहनिया थाने की पुलिस मौके पर पहुंची।लड़कियां उसके बाद भी शांत नहीं हुई। प्रधानाचार्य विद्यावती ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना दी और मौके पर बुलाया। जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय ओपी राय मौके पर पहुंचे और उन्होंने कुछ छात्राओं तथा प्रधानाचार्य व शिक्षिकाओं से बातचीत की। छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य विद्यावती देवी ने उन्हें मारा पीटा है।जिसके कारण कई लड़कियों को चोटें आई हैं और कई बेहोश भी हो गई। जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय ओपी राय से लड़कियों ने विद्यालय की प्रधानाचार्य विद्यावती देवी को हटाने व स्थानांतरित की गई शिक्षिकाओं को पुन: विद्यालय में वापस लाए जाने की मांग करती रही। प्रधानाचार्य विद्यावती देवी ने बताया कि विद्यालय की तीन शिक्षिका साधिका, आशा व अर्चना को उच्चाधिकारियों के आदेश से अभिनव विद्यालय जक्खिनी में ही स्थानांतरित कर दिया गया है। हालांकि उक्त शिक्षिका मेडिकल अवकाश पर चली गई हैं। प्रधानाचार्य विद्यावति का कहना था कि उन्होंने बच्चियों को मारा पीटा नहीं है। विद्यावति का यह भी कहना था कि वे मंगलवार को विद्यालय नहीं आई थी कुछ लोगों ने छात्रों को अनायास ही उकसाया है। विद्यालय की छात्रा अंजलि,संध्या निधि,मुस्कान, पिंकी,उन्नति, निकिता,रुचि,प्रिया,प्रियंका राय, सोनम आदि ने प्रधानाचार्य के द्वारा उन्हें मारे जाने का आरोप लगाया है। इन लोगों का कहना था कि कक्षा 7 की छात्रा अंजना यादव और सपना यादव भी मारे जाने से घायल हो गई हैं। बाद में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय के आश्वासन के बाद लड़कियां अभिभावक शांत हुए। पुलिस ने बच्चियों को विद्यालय का गेट खुलवा कर 2 बजे विद्यालय परिसर से बाहर निकलवाया और उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से घर जाने के लिए कहा। बच्चियों को जाने के बाद भी अभिभावक विद्यालय के बाहर डटे रहें। अभिभावक छात्रों को मारे जाने के कारण प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे।बाद में शिक्षिकाओं व प्रधानाचार्य को भी शांतिपूर्ण तरीके से पुलिस ने वापस घर भेजा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जक्खिनी के अधीक्षक डॉ राजीव सिंह ने बताया कि इलाज के लिए कुछ छात्राएं आई थी जिन्हें पेट दर्द व सिर दर्द की शिकायत थी। सभी को दवा देकर छोड़ दिया गया है।चिकित्सक ने बताया कि बच्चियां घबराई हुई थी जिसके कारण उन्हें सिर दर्द की शिकायत थी। इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक विजय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें भी विद्यालय में बच्चियों के द्वारा नारेबाजी की सूचना मिली थी।जिस पर मामले का संज्ञान लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय ओपी राय मौके पर गए थे और उन्होंने समस्या का समाधान कर दिया है।

बड़ा बवाल होने से बचा लिया जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी राय ने
राजातालाब
राजकीय इंटर कॉलेज में बवाल होने की सूचना मिलते ही आसपास के कई गांव के लोग भारी संख्या में विद्यालय के बाहर पहुंच गए।लड़कियों को मारे पीटे जाने व बेहोश होने की सूचना से अभिभावक व क्षेत्रीय लोग भी गुस्से में थे।अंदर लड़कियां भी नारेबाजी कर रही थी। जबकि कई लड़कियों की रोने की आवाज भी सुनाई पड़ रही थी। बाहर से अभिभावक शोरगुल कर रहे थे।उसी समय यहां मौके पर पहुंचे जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय डॉक्टर ओपी राय ने छात्राओं बातचीत करने की कोशिश की।पहले तो लड़कियां उग्र रही,पर थोड़ी देर बाद लड़कियां जिला विद्यालय निरीक्षक से बातचीत करने पर राजी हो गईऔर अपनी समस्या श्री राय से बताई।श्री राय ने छात्राओं को उनकी समस्याओं के समाधान करने का हरसंभव आश्वासन दिया और एक शिक्षक की भाति उन्हें छात्र होने का अनुभव करा अनुशासन का महत्व भी बताया।इसके बाद लड़कियां शांत हो गई और ओ पी राज से वार्ता के नारेबाजी शोरगुल बंद कर प्रसन्न मुद्रा में दिखी। नारेबाजी कर रही छात्राओं ने जिला विद्यालय निरीक्षक को थैंक यू भी बोला।गेट के बाहर जमा भीड़ व क्षेत्रीय अभिभावक जिला विद्यालय निरीक्षक के इस कार्यशैली से काफी खुश दिखे। अभिभावकों ने बच्चियों की मांगों पर ध्यान दिए जाने का आग्रह जिला विद्यालय निरीक्षक से भी किया। यहां प्रधानाचार्य व शिक्षिकाओं के साथ बैठक कर जिला विद्यालय निरीक्षक ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी लेकर प्रधानाचार्य व शिक्षिकाओं को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

रिपोर्टर-: महेश पाण्डेय के साथ (राजकुमार गुप्ता) वाराणसी

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