वाराणसी- रोहनिया मनरेगा मजदूर यूनियन, पूर्वांचल किसान यूनियन, लोक समिति, लोक चेतना समिति और जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय उ0 प्र0 के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हक पंचायत में राजातालाब क्षेत्र के हजारों मजदूरों ने अपनी आवाज बुलंद किया ।
पंचायत में मौजूद लोगों ने महिला छात्र मजदूर किसान,मिलकर बदले हिन्दुस्तान
हर हाँथ को काम दो,काम का पूरा दाम दो
देश की जनता करे पुकार, रोजी, रोटी, दवाई, पढ़ाई की है दरकार के नारे लगाए देशव्यापी संविधान सम्मान यात्री मीरा संघमित्रा ने यात्रियो का परिचय कराया। ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ महेंद्र सिंह पटेल ने आदिवासी कार्यकर्त्ता सुकालो का अंगवस्त्र देकर स्वागत कर हक पंचायत किसान सभा की शुरुआत किया सभा में डॉ. संदीप पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान सरकार जिस तरह से लोगों के बोलने पर पाबंधी लगा रही है यह एक तरह का अघोषित आपातकाल है,जिसके खिलाफ ये संविधान सम्मान यात्रा का आयोजन किया गया है।उन्होंने कहा कि जहाँ लोग काम की तलाश में दर दर भटक रहे है वहां ये सरकार लोगों को मंदिर मस्जिद के नाम पर लड़ाने का काम कर रही है ।सरकार अडानी अम्बानी को जमीन कौड़ियों के दाम पर बेच रही है, उन्होंने कहा कि हम जिस जगह खड़े है ये पूरा क्षेत्र डार्क जोन घोषित है फिर भी कोका कोला कंपनी को जमीन के नीचे का पानी निकालने की खुली छूट है, वही अगर कोई किसान बोरवेल लगाना चाहे तो उसे सैकड़ों बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ता है तब कहीं जाकर उसे जमीन के नीचे का पानी निकालने की अनुमति मिल पाती है। जन जागरण शक्ति संगठन बिहार की संयोजिका कामायनी जी ने कहा कि वर्तमान सरकार गरीबों की बात करती है जब कि गरीबों के लिए बनायीं गयी मनरेगा को ख़त्म करती जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में उत्तर प्रदेश में मनरेगा की मजदूरी मात्र एक रूपया ही बढ़ा है जबकि मंहगाई दोगुने रफ़्तार से बढ़ रही जब मजदूर काम की मांग करने ब्लाक तक पहुँच रहे है तो उनको किसी तरह से बहकाकर वापस भेज दिया जा रहा है। काम के बाद मजदूरी के लिये बार बार ब्लाक का चक्कर लगाना पड़ रहा है। मजदूरों के राशन कार्ड बने है उसमे अधिकतर लोगों के नाम छूटे है, छूटे नाम कब जुड़ेंगे कोई बताने वाला नहीं है। प्रधानमंत्री ने करोड़ों रुपये विज्ञापन पर खर्च करके आयुष्मान भारत योजना चलायी जिसका लाभ सीधे सीधे मजदूरों को मिलना चाहिए था परंतु उसका लाभ मजदूरों से ज्यादा दूसरे लोगों को मिल रहा है जिनको शायद उसकी इतनी आश्यकता भी नही है। किसान नेता भूपेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से अन्नदाता आज आत्महत्या करने को विवश है। किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे है। उन्होंने मांग किया कि सरकार किसानो को भी
सरकारी कर्मियों के अनुसार वेतन देने की व्यवस्था करे। किसानो को मिलने वाली बिजली की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि बड़े बड़े उद्योगों को औने पौने दाम में बिजली दिया जा रहा है। विकास के नाम पर किसानों की जमीनो का जबरिया बहुत तेजी से अधिग्रहण किया जा रहा है, लेकिन किसानों का विकास कही दिखाई नहीं पड़ रहा है। कनहर सिंगरौली से आयी सुकालो ने कहा कि आज अपने हक अधिकारों के लिए जो सड़क पर उतर कर संघर्ष कर रहे है उनको फर्जी मुकदमे में फंसाकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी कमियो को छिपाने के लिए अर्बन नक्सल के नाम पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल भेजने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज देश भर में जगह जगह इस सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी है। मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने कहा कि जब ये सरकार आयी थी तो साल में 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात करती थी ।पर आज जब नौजवान और छात्र रोजगार की मांग करते है तो उनको सरकार लाठियों से पीटने का काम करती है।रोजगार की बात करने पर प्रधानमंत्री जी पढ़े लिखे बेरोजगारों को पकौड़ा तलने की सलाह दे रहे है। पुरे देश में आम लोग अपने हक़ हकूक के लिए संघर्ष कर रहे है और सरकारे बाबा साहब के सपने को चकनाचूर कर रही है। संविधान में कहा गया हैं हम सब बराबर है पर आज एक बहुत बड़ी खांई बन गयी है और संविधान के मूल भावना को तार तार करते हुए वर्तमान सरकार पूंजीपतियों के हांथों देश को बेचती चली जा रही है ।जो कि हमलोगों को मंजूर नहीं है। स्वागत भाषण विरेंद्र यादव ने किया संचालन महेंद्र ने तथा आभार योगीराज पटेल ने किया अध्यक्षता जगरूपनी देवी ने किया। पंचायत में अरुंधति धुरु, ऋचा सिंह, मीरा, संजीव सिंह, नंदलाल मास्टर, विवेक यादव संघमित्रा, हिमशि, महेंद्र यादव, उमा ने भी संबोधित किया इस अवसर पर वल्लभ पाण्डेय, आर्यन, राजकुमार गुप्ता, रंजू सिंह, अभिषेक, मधुसूदन, सुनीति, रुबीना, जैशलाल, अनिल, आबिद शेख, संजय, ओम प्रकाश पार्थ,सरिता, अनीता, रेनू,श्रद्धा, गणेश, विवेक, दिनेश, ओमप्रकाश, दीनदयाल, बबलू आदि लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय के साथ (राजकुमार गुप्ता) वाराणसी