जयपुर/राजस्थान- राजस्थान राज्य पशुपालक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष गोरधन राईका ने कहा है कि सरकार पशुपालकों के कल्याण एवं उत्थान के प्रति सजग है। इसके लिए पशुपालक सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि जयपुर में शीघ्र ही केमल मिल्क प्लान्ट बनाया जाएगा। राईका गुरुवार को अजमेर कलेक्ट्रैट कार्यालय सभागार में राजस्थान राज्य पशुपालक कल्याण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऊंटनी का दूध अनेक गंभीर बीमारियों में कारगर दवा का काम करता है। ऐसे में ऊंटनी के दूध के लिए जयपुर में शीघ्र प्लान्ट स्थापित होगा। इसके लिए सरकार ने पहली बार 7 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
उन्होंने बताया कि इस दूध को खाद्य अधिनियम में भी शामिल किया है। उन्होंने बताया कि पशुपालक कल्याण बोर्ड के सदस्य राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा पशुपालकों के लिए चलायी जा रहीं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पशुपालकों को दे, ताकि वे उसका समय पर लाभ उठा सकें। उन्होंने बताया कि पशुपालकों के बच्चों को उचित शिक्षा मिले, इसके लिए सरकार ने अलग से विद्यालय खोले हैं, जहां लगभग डेढ हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है।
उन्होंने कहा कि पशुपालक बीमा योजना का लाभ उठाते हुए अपने पशुओं का बीमा अवश्य कराये ताकि किसी भी अनहोनी पर पशु की मृत्यु हो जाने पर उसे मुआवजा मिल सकें। उन्होंने बताया कि ऊंट की मृत्यु पर 50 हज़ार, गाय पर 25 हज़ार तथा बकरी की मृत्यु पर पांच पांच हज़ार रुपए की सहायता राशि पशुपालकों को मिलती है। गत 16-17 के वित्तीय वर्ष में प्रदेश में 7 करोड़ 38 लाख रूपये की बीमा राशि का भुगतान पशुपालकों को किया जाकर उन्हें राहत प्रदान की गयी है। पशुपालक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र देवासी ने कहा कि पशुपालक ज्यादातर मध्यप्रदेश की ओर माईग्रेट करते है ऐसे में इन्हें राशन की व्यवस्था की जाती है । गत वर्ष 150 क्विंटल गेहूं का वितरण पशुपालकों को किया गया था। साथ ही किसी भी लूटपाट के लिए पुलिस में एफआईआर भी प्राथमिकता के साथ दर्ज करायी जा रही है। ऐसे समय पर पशु डेरों पर गार्ड भी लगाने की भी व्यवस्था की जा रही है। इस मौके पर राजस्थान राज्य पशुपालक कल्याण बोर्ड के सदस्यों ने बीमा एजेन्टो को तहसील स्तर पर लगाने, भेड़ों का बीमा करने,पशुओं के साथ पशुपालकों का भी बीमा करने, नर ऊंटों को बेचने की पाबंदी हटाने, पशुपालकों के बच्चों के विद्यालयों में प्रवेश, ऊंटों को चराने के लिए स्थान का चयन करने, पशु क्रेडिट कार्ड व्यवस्था लागू करने के संबंध में अपने अपने सुझाव दिए। बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, उद्योग, शिक्षा एवं संबंधित विभागों ने पशुपालकों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओ एवं कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। बैठक में राजस्थान राज्य पशुपालक कल्याण बोर्ड के सचिव टी.एम. खटीक, सदस्य मूलचन्द राईका, अर्जुनलाल, शंभूलाल सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।
– दिनेश लूणिया