कैंट, बरेली। लालफाटक अंडरपास मे हल्की बारिश होने पर भी भारी जलभराव हो जाता है। बारिश में करीब चार से पांच फीट पानी भर गया। करीब दो साल पहले बने अंडरपास में कभी सफाई न होने से उसमें जमा मिट्टी की सिल्ट से इन फिसलन हो गई है। अक्सर बाइक सवार फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। हालांकि रेलवे कर्मचारियों ने 17 जून को मोटर से काफी हद तक पानी निकलवाया था, लेकिन मिट्टी होने की वजह से सारा पानी नही निकल सका। इसलिए अब फिसलन हो गई। बाइक सवारों के फिसलने से अंडरपास में जाम लग गया। इस बीच राहगीरों में आपस में गहमागहमी भी देखने को मिली। रेलवे अफसर अंडरपास से जल निकासी का कोई स्थाई समाधान नहीं ढूंढ पा रहे है। वही अंडरपास के निकट शराब की दुकान की वजह से लोग अंडरपास के ऊपर बैठकर शराब पीते है। शराब के पाउच तथा अन्य दोने-पत्ते और डिस्पोजल गिलास अंडरपास में ही फेंक देते है। जिससे अधिक गंदगी बढ़ गई है। नन्दू सिंह निवासी झील गौटिया ने बताया जब से अंडरपास जनता को समर्पित किया गया है। तब से अब तक रेलवे ने उसकी सफाई नहीं कराई है। बारिश में कीचड़ हो जाता है। सूखे में धूल उड़ती है। विकास कुमार, निवासी अभयपुर कैंप का कहना है रेलवे को अंडरपास में जल निकासी का स्थाई समाधान निकलना चाहिए। अंडरपास की दलदल में निकलना दुश्वारियों भरा है। अंधेरे में दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। रवि साहू निवासी चनेहटी ने बताया अंडरपास आमजन की सुविधा के लिए बनाया गया था, लेकिन बारिश में स्थित खराब हो जाती है। बारिश होने बाद 10-15 दिन पानी नहीं सूखने से इससे निकलना मुसीबत भरा जोखिम है। वहीं अशोक यादव, निवासी चेतगौटिया ने बताया रेलवे ने अंडरपास बनाते समय जलनिकासी का इंतजाम नहीं किया। खामियाजा जनता भुगत रही है। रोजाना दर्जनों लोग दलदल में गिरकर चोटिल हो रहे है।।
बरेली से कपिल यादव