बाड़मेर जिले में जल जागरूकता पर मीडिया प्रतिनिधियों ने दिए व्यावहारिक सुझाव : राजेन्द्र सिंह चांदावत

राजस्थान/बाड़मेर- राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत कलेक्ट्रेट कॉन्फ़्रेस हॉल में मीडिया राउंड टेबल का आयोजन किया गया। इस संवादात्मक बैठक का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण को लेकर मीडिया की सशक्त भूमिका को चिन्हित करना और आमजन में जागरूकता फैलाना रहा। इस राउंड टेबल में जिले के प्रमुख प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया संस्थानों के संपादकों, संवाददाताओं एवं पत्रकारों ने भाग लिया और जल संरक्षण अभियान में मीडिया की सक्रिय भागीदारी को लेकर गहन विचार-विमर्श किया।

बैठक में ज़िला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 5 से 20 जून तक वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान पूरे प्रदेश में संचालित किया जा रहा है। बाड़मेर जिले में भी इस अभियान के तहत सघन और बहुआयामी गतिविधियाँ चल रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में वृहद स्तर पर 2410 कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, जिनमें 1 लाख 46 हज़ार आम नागरिकों ने भागीदारी निभाई है। उन्होंने इस अभियान को केवल सरकारी कार्यक्रम न मानते हुए इसे एक जन आंदोलन की संज्ञा दी और मीडिया से इस पहल को जन-जन तक पहुँचाने का आह्वान किया।

अतिरिक्त ज़िला कलक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत बताया कि 20 जून को इस अभियान का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। “वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान” जल समृद्धि, पर्यावरणीय संतुलन और राज्य को जल आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने वाली एक अभिनव और सशक्त पहल बन चुकी है।उन्होंने इस अभियान की सफलता में मीडिया की महत्ता प्रतिपादित की।

इस अवसर पर भूजल ग्रहण एवं जल संरक्षण विभाग के एक्सईएन हनुमान राम ने भी अभियान की संरचना और तकनीकी पक्षों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जल स्रोतों की सफाई, वर्षा जल संचयन, वृक्षारोपण, जल उपयोग में सतर्कता और स्वच्छता अभियान जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। अभियान को जल संसाधन, वन, कृषि, शिक्षा, पंचायत राज, शहरी विकास, सामाजिक न्याय आदि विभागों के सहयोग से दैनिक योजनाबद्ध गतिविधियों के रूप में लागू किया जा रहा है।

मीडिया राउंड टेबल में जिले के वरिष्ठ मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रमुख प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि जल संरक्षण संबंधी प्रेरणादायक कहानियों, नवाचारों और प्रयासों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक के साथ सोशल मीडिया, रेडियो एवं क्षेत्रीय समाचार माध्यमों के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों, युवाओं व महिला समूहों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित कर नई पीढ़ी को जल बचाने की दिशा में प्रोत्साहित किया जाए।

साथ ही यह सुझाव भी सामने आए कि गांवों और कस्बों की बावड़ियों, कुओं, तालाबों आदि परंपरागत जल स्रोतों की मरम्मत , साफ-सफाई कर उन्हें पुनर्जीवित किया जाए। स्कूलों में जल संरक्षण को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाए और घरेलू उपयोग में ‘री-यूज़ वॉटर’ की पद्धति अपनाकर पौधों को पानी देने जैसे प्रयास किए जाएं। साथ ही ग्रामीण स्तर पर जल संरक्षण से जुड़े लोकनाट्य, निबंध, चित्रकला और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जन-जागरूकता को और अधिक सशक्त बनाया जा सकता है।

बैठक के समापन पर सभी मीडिया प्रतिनिधियों ने जल संरक्षण की शपथ ली और अपने-अपने मंचों से इस अभियान को समर्थन देने का संकल्प लिया। सहायक निदेशक जनसंपर्क प्रमोद वैष्णव ने सभी प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया संवाद की यह प्रक्रिया केवल एक बैठक नहीं, बल्कि एक निरंतर जनसंपर्क संवाद की शुरुआत है।

– राजस्थान से राजूचारण

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