किसानों को चूहा व छछूंदर की रोकथाम के बताए उपाय, किया जागरूक

मीरगंज, बरेली। प्रदेश सरकार द्वारा 30 अप्रैल तक चलाए जा रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत जिला कृषि रक्षा विभाग ने सोमवार को मीरगंज मे गोष्ठी आयोजित कर चूहों व छछूंदर से होने वाले वैक्टीरिया जनित रोगों के बारे में किसानों को जानकारी दी। चूहा व छछूंदर से होने वाली बीमारियों को लेकर किसानों की जिज्ञासा भी प्रभारी कृषि रक्षा इकाई मीरगंज श्यामवीर सिंह ने शांत किया। वेक्टर जनित रोग जेई एवं एईएस के संचार में चूहे और छछूंदर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लिहाजा चूहे और छछूंदर पर नियंत्रण कर संचारी रोगो के फैलाव को रोका जा सकता है। उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए सलाह दी कि चूहे और छछूंदर को नियंत्रित करने के लिये अन्न भंडार पक्का तथा बखारी मे करना चाहिए ताकि उन्हें भोज्य पदार्थ सुगमता से उपलब्ध न हो। चूहेदानी का प्रयोग करके चूहों को मार देने से इनकी संख्या नियंत्रित की जा सकती है। चूहा नाशक रसायन जिंक फास्फाइड की 1 ग्राम मात्रा को 48 ग्राम भुने चने तथा 1 ग्राम सरसों के तेल के साथ मिलाकर चारा तैयार करे। उसे चूहों के बिल के आस पास रख दें। एल्यूमिनियम फास्फाइड दवा की 3-4 ग्राम मात्रा प्रति जिन्दा बिल मे रखकर बिल को गीली मिट्टी से बंद कर देने से दवा से निकलने वाली फास्फीन गैस से चूहे मर जाते है। मरे हुए चूहों को खुले में फेकने के बजाय उन्हें एकत्र कर जमीन मे दबा देना चाहिये। गोष्ठी के अन्त में प्रभारी कृषि रक्षा इकाई श्यामवीर ने कृषकों का आभार व्यक्त किया।।

बरेली से कपिल यादव

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