वाराणसी-राजातालाब में हाईवे चौड़ा करने के नाम पर उजाड़ दिए गए गरीब मजलूम

*पक्के मकान दुकान को तोड़े जाने को कहा हाईकोर्ट की अवहेलना
*दुकानदारों का सवाल, आखिर क्यों उजाड़ दिया हमें

वाराणसी- बनारस में विकास के नाम पर बगैर मुआवजा पुनर्वास का इंतजाम किए गरीब व्यवसायियों को उजाड़ने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। यह हाल तब है जब इनके लिए भूमि अधिग्रहण 2013 व आजीविका संरक्षण 2014 में ही तत्कालीन केंद्र सरकार कानून पास कर चुकी है, लेकिन उस कानून का कम से कम बनारस में तो पालन होता नहीं दिख रहा है। नतीजा हाईवे किनारे पक्के निर्माण के दुकानदारों और ठेला-खोमचा और पटरी व्यवसायी बेहाल हैं, उनकी रोजी रोटी छिन गई है। कैसे परिवार का भरण पोषण करें, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
इन व्यवसायियों और खोमचा वालों को पुनर्वास का इंतजाम किए बगैर हटाने का काम पिछले पांच साल से चल रहा है। कभी शहरी क्षेत्र में इन व्यवसायियों को अतिक्रमण के नाम पर हटाया जाता रहा। राजातालाब हाईवे से सटे दुकानें कई बार तोड़ी गईं। इसका जमकर विरोध भी हुआ लेकिन न सुनवाई हुई न पुनर्वास का इंतजाम। इसी कड़ी में राजातालाब क्षेत्र में फ्लाइओवर और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर इन्हें उजाड़ दिया गया। नतीजा यह कि उन्हें घर से बेघर कर खुले आसमान के नीचे गुजर-बसर करने पर विवश कर दिया गया है। रोजी रोटी का जरिया भी तहस-नहस कर दिया गया है।
हाईवे पर चले सड़क चौड़ीकरण के दौरान ऐसे तमाम गरीब बेसहारा लोग हैं जो सैकड़ो साल से यहीं रह रहे थे या अपनी रोजी रोटी चला रहे थे। अब इनकी पुश्तैनी मकान, झोपड़ी भी नष्ट कर दी गई और सड़क किनारे की दुकानें भी जमींदोज कर दी गईं। यह सब तब है जब ये सभी नियमित रूप से इन जगहों पर निवास तथा व्यापार करते रहे। इन लोगों के नाम, मतदान परिचयपत्र, बिजली पानी का बिल तथा अन्य सरकारी देनदारी अदा करने की रसीदें भी हैं मगर शासन के इशारे पर प्रशासन ने किसी पर तवज्जो नहीं दिया और उजाड़ कर ही दम लिया।

*दुकानदारों का सवाल, आखिर क्यों उजाड़ दिया हमें*
वाराणसी-राजातालाब राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर करीब दो बरस पहले सब्जी मंडी रोड और चौराहा की पटरी पर चल रही ठेला पटरी की दुकानें उजाड़ दी गई थीं। रोजी-रोटी से महरूम हुए दुकानदारों में कई बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। अब उसी जगह अन्य लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा है। जिला प्रशासन के जिम्मेदार लोगों के पास आज इसका कोई जवाब नहीं है।
वर्ष 2017 में तत्कालीन एसडीएम राजातालाब ईशा दुहन की देखरेख में पूरे राजातालाब चौराहा को मास्टर प्लान के तहत अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था। यह मार्ग भी इससे अछूता नहीं रहा था। मार्ग चौड़ीकरण, ओवरब्रिज बनाने के नाम पर यहां सभी ठेला पटरी दुकानों पर चले बुलडोजर से दुकानदारों की रोजी-रोटी छिन गई थी।
ठेला पटरी व्यवसायियों ने तब राजातालाब तहसील एसडीएम दफ्तर पर जोरदार प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा था। फिर एसडीएम ईशा दुहन दुकानदारों को व्यवस्थित करने के लिए ठोस निर्णय लिया था उन्हें बसाने के लिए। साथ ही, जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था ना हो जाए तब तक राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे ट्रैफिक व्यवस्था को अवरुद्ध किए बिना व्यापार करने की छूट दी थी। उनका आई कार्ड बनाने का भी आश्वासन दिया था लेकिन हुआ कुछ नहीं। इसी बीच उनका तबादला कर दिया गया। प्रशासन से राहत न मिलने पर उजाड़े गए दुकानदारों का कई बार चालान भी काटा गया। ऐसे में वे कोर्ट कचहरी का चक्कर काटने को मजबूर हैं।
जबकि आज जीवपुत्रिका व्रत है व्रती महिलाओं ने कुछ दिनों का मोहलत भी मांगा एसडीएम अमृता सिंह से लेकिन उन्होंने कोर्ट के आदेश का हवाला देकर पल्ला झाड़ा लिया, वहीं याचिकाकर्ता वंश बहादुर उपाध्याय ने मुआवजे की मांग को लेकर प्रयागराज हाईकोर्ट में याचिका दायर की है उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे का खाता संख्या 390 नंबर है इस पर से अतिक्रमण हटाने का आदेश था जबकि हम लोगों का घर सैकड़ों वर्ष पुराना मकान खाता संख्या 691 नंबर पर बना है उसे भी तोड़ कर माननीय न्यायालय का अवहेलना किया जा रहा है हाईकोर्ट के आदेश के अवहेलना की याचिका दाखिल की जायेगी
लड़ी जा रही है हक की लड़ाई
राजातालाब के व्यवसायियों दुकानदारों के साथ जो हुआ, उसकी स्थानीय सामाजिक संगठनों ने तब भी निंदा की थी और अब भी उन उजाड़े गए दुकानदारों के साथ वो खड़े हैं। दुकानदार अपने मकान मे दुकान रोजगार कर रहे थे लेकिन उत्पीड़न उनका ही हुआ। दुकानदार अपना हक लेकर रहेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने राजातालाब के व्यवसायियों को उजाड़ने को गैरकानूनी बताया है। कहा कि यह भूमि अधिग्रहण व आजीविका संरक्षण कानून जीवन जीने स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। यहां के व्यवसायियों को बिना मुआवजा , पुनर्वासित बसाए उजाड़ने को तुगलकी कार्रवाई बताते हुए पुनर्वास की मांग की गई। ध्वस्थिकरण के कार्रवाई में वंश बहादुर यादव बचाऊ यादव शब्बीर रामधनी विश्वकर्मा निर्मला देवी सुक्खू सिंह शिवम सिंह प्रेमशंकर आदि लोगों के भवन ढहा दिए गए हैं वहीं महिलाओं ने कहा कि जिवपुत्रिका का का व्रत जो हम कई सालों से रह रहे थे वह टूट गया है इसकी जिम्मेदार एसडीएम राजातालाब व हाईवे प्रशासन है महिलाओं ने अपना विरोध भी जताया विरोध जताने में गीता देवी बच्चों देवी धन्नो देवी कलावती देवी रीता देवी सीता यादव बबीता यादव रेनू अंजुम अफसाना रेहाना खातून आदि रही।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय के साथ(राजकुमार गुप्ता)वाराणसी

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