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उत्तराखंड में अगवा हो रही बच्चियों की सकुशला के लिए पदयात्रा निकालकर सरकार को चेताया

उत्तराखंड/देहरादून- उत्तराखंड से निरंतर अगवा हो रही बच्चियों/महिलाओं की सकुशल वापसी के लिए ‘हिन्दू ही आगे’ संगठन से जुड़े सैंकडों कार्यकर्ताओं द्वारा आज प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य संदीप खत्री एवं विजेंदर सिंह नेगी (बॉबी) के नेत्रेत्व में नगर निगम देहरादून से जिलाधिकारी कार्यलय तक पद यात्रा निकाल जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेने हेतु ज्ञापन प्रेषित किया गया।
प्रातः 10:30 पर ‘हिन्दू ही आगे’ से जुड़े सैंकडों कार्यकर्ता प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य संदीप खत्री एवं विजेंद्र सिंह नेगी (बॉबी) के नेत्रेत्व में नगर निगम देहरादून में एकत्रित हुए और पैदल मार्च कर कचहरी स्थित जिलाधिकारी कार्यलय पहुंचे। कार्यकर्त्ताओं द्वारा नगर निगम से जिलाधिकारी कार्यलय तक मौन जुलूस निकाला गया ताकि दून हॉस्पिटल में भर्ती मरीज़ों एवं उनके परिजनों को कोई असुविधा न हो।

कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य संदीप खत्री ने बताया कि उत्तराखंड से निरंतर बड़ी संख्या में मासूम बच्चियां/महिलाएं गायब हो रही है परंतु राज्य सरकार गहरी नींद में सो रही है।अधिकांश बच्चियां/महिलाएं इतने गरीब परिवार से है कि उनके परिजन कोर्ट तो छोड़ो पुलिस चौकी/थाने में जाने का साहस तक नही जुटा पाते, अधिकांश ऐसी बच्चियां/महिलाएं दलित वर्ग से है जिन्हें बड़ी आसानी से मानव तस्कर गिरोह अपना शिकार बनाते है और अपने जाल में फंसा कर वैश्यावर्ती जैसे घिनोने धंदे में धकेल देते है। अधिकांश बच्चियों/महिलाओं को यह तस्कर गैर राज्यो और यहां तक कि विदेशों में बेच देते है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा FORA कानून (FREEDOM OF RELIGION ACT) धर्म स्वतंत्रता अधिनियम बना तो दिया गया पर न जाने क्यों उसे लागू नही किया जा रहा। सरकार को तत्काल प्रभाव से FORA को लागू करना चाहिए

कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य विजेंदर सिंह नेगी (बॉबी) ने बताया कि गत सप्ताह में अकेले देहरादून जिले से ही कई बच्चियों के लापता होने की सूचना मिली। पुराने आंकड़े खंगाले तो लगभग 90% लापता बच्चियां इस्लामी धर्मांतरण का शिकार हुई है जिनमे से अधिकांश बच्चियां आज वैश्यावर्ती में धकेली जा चुकी है। पिछले हफ्ते में दो ऐसी बच्चियों ने आत्महत्या कर ली पर प्रशासन की आंख नही खुल रही।अधिकांश बच्चियां दलित पहाड़ी मूल से आती है जिन्हें आसानी से दलालो के माध्यम से बेचा जाता है, उत्तराखंड के पहाड़ी जिले इस क्रम में कुख्यात है। अगर वास्तविकता में लगभग हर रोज़ उत्तराखंड से 10 से अधिक बच्चियां गायब हो रही है।
सत्य यह भी है कि ऐसी बहुत बच्चियां इस्लामी संगठनों का शिकार हो रही है। प्यार के जाल में फंसा कर इन मासूमों को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन अपना निशाना बना रहे है। एक बार बच्ची हाथ लग गयी तो तत्काल मस्जिदों में उनका धर्मांतरण कर निकाह पढ़वा दिया जाता है और एक दस रुपये का एफिडेविट SSP को भेज दिया जाता है जिसकी पुलिस जांच तक नही करती। उसके बाद बच्ची किस हाल में रहती है उसकी कल्पना आप कर पाना भी सम्भव नही।

इसके उपरांत संगठन प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य अधिवक्ता अमित तोमर द्वारा 8 पन्नो का विस्तृत ज्ञापन सभी कायकर्ताओं के समक्ष जिलाधिकारी महोदय को पढ़कर सुनाया गया। ज्ञापन के मुख्य बिंदु –
1. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में मानव तस्करी के मामलों में उत्तराखंड का सभी पर्वर्तीय राज्यों में निरंतर कई वर्षों से अव्वल बने रहना।
2. माननीय उच्च न्यायालय की कठोर हिदायत के पश्च्यात भी पर्वतीय जिलों में ऐसे गंभीर मामलों की विवेचना नौसिखिया अप्रशिक्षित राजस्व अधिकारियों को देना और पुलिस थाने ना खुलना।
3. वधु तस्करी ( Bride Trafficking) के मामलों का निरंतर बढ़ना और बिचौलिया की मदद से मानव तस्कर गिरोह द्वारा बच्चियों/महिलाओं की खरीद फ़रोख़्त करना।
4. इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों द्वारा उत्तराखंड को बेस बना हिन्दू बच्चियों को धर्मांतरण करना और जबरन उनके निकाह करवा।
5. माननीय उच्च न्यायलय द्वारा “राज्य बनाम सरताज़ खान” में दिए गए निर्देशों की अवहेलना करना।

इसके उपरांत माननीय जिलाधिकारी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन प्रेषित किया गया।

ज्ञापन देने वालो में मुख्य रूप से अमित तोमर, संदीप खत्री, विजेंद्र सिंह नेगी (बॉबी), गोविंद वाधवा, रंजीत ठाकुर, संजीव कुकरेजा, शशि कपूर, प्रभात शर्मा, कृपाल नेगी, सनी गुप्ता, जगदीश भट्ट, अजय कोटनाला, राजीव राजपूत। आदि सैंकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

-अमित तोमर,अधिवक्ता

पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

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