मनोज तिवारी के एक दावे से लोगों में बेचैनी

दिल्ली – दिल्ली विधानसभा चुनाव के सभी एग्ज़िट पोल जहां आम आदमी पार्टी की सत्ता में वापसी का इशारा कर रहे हैं, वहीं दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी के एक दावे ने लोगों में बेचैनी पैदा कर दी है।
सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा है कि ‘मनोज तिवारी इतने दावे से कैसे कह सकते हैं कि दिल्ली चुनाव में बीजेपी की 48 सीटें आएंगी? दरअसल दिल्ली में मतदान रुकने के बाद मनोज तिवारी ने एक ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा कि ये सभी एग्ज़िट पोल फ़ेल होंगे। मेरा ये ट्वीट संभाल कर रखियेगा. भाजपा दिल्ली में 48 सीट लेकर सरकार बनाएगी। कृपया ईवीएम को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूंढे।
इसके बाद आम आदमी पार्टी ने कुछ वीडियो दिखाए। उनके आधार पर ईवीएम से जुड़े सवाल किए। बीजेपी की मंशा पर शक भी ज़ाहिर किया और पूछा कि ‘चुनाव आयोग ने वोटिंग से संबंधित डेटा जारी करने में इतना समय क्यों लिया?
दिल्ली में हुआ 62.59 प्रतिशत मतदान
रविवार शाम को चुनाव आयोग ने एक जाँच रिपोर्ट के आधार पर ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ की सभी चर्चाओं को बेबुनियाद और फ़र्ज़ी बताया। साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि दिल्ली में 8 फ़रवरी को 62.59 परसेंट मतदान हुआ जो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में हुए मतदान की तुलना में लगभग दो फ़ीसद ज़्यादा हैं।
पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में हालांकि इस बार वोटिंग थोड़ी कम हुई है। चुनाव आयोग के अनुसार, 2013 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में 65.63 परसेंट और 2015 के चुनाव में 67.12 परसेंट वोटिंग हुई थी।
इस बार बल्लीमारान विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 71.6 फ़ीसद वोट पड़े, वहीं दिल्ली कैंट विधानसभा सीट पर सबसे कम 45.4 फ़ीसद वोटिंग दर्ज की गई। चुनाव आयोग के मुताबिक़ इस बार दिल्ली में महिलाओं और पुरुषों ने लगभग बराबर वोटिंग की। महिलाओं के 62.55 फ़ीसद, वहीं पुरुषों के 62.62 फ़ीसद वोट दर्ज किए गए।
चुनाव आयोग ने कहा है कि मतों की गणना 11 फ़रवरी को सुबह 8 बजे शुरू होगी और नतीजे दोपहर बाद घोषित किए जाएंगे। इस बीच अपने-अपने सैंपलों के आधार पर समाचार चैनलों ने अपनी सहयोगी एजेंसियों के साथ मिलकर जो एग्ज़िट पोल किए हैं, उनके अनुसार दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 50-65 और बीजेपी को 10-22 सीटें मिलनी चाहिए।
70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 36 है और एग्ज़िट पोल्स के नतीजे यदि सटीक रहे तो आम आदमी पार्टी को सत्ता में रहने में कोई दिक्क़त नहीं होगी।

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