हरियाणा की सियासत में नया मोड़: डा.अशोक तंवर आए दुष्यंत के साथ,जेजेपी को समर्थन की घोषणा

*विधानसभा चुनावों के दौरान हरियाणा की सियासत में नया मोड़
*प्रदेश की राजनीति को दो युवा धुरधंर एक साथ आने से बदले चुनावी समीकरण
*दुष्यंत 36 बिरादरी के नेता, उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए मेरा पूरा समर्थन उनके साथ-डा. अशोक तंवर
*यह साथ केवल विधानसभा चुनावों तक नहीं आगे भी जारी रहेगा
*युवा राजनीतिकों की यह जुगलबंदी जेजेपी को ले जा सकती है सत्ता के शिखर तक

नई दिल्ली- विधानसभा के लिए मतदान से ठीक पांच दिन पहले प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे डा. अशोक तंवर ने अपने हजारों कार्यकर्त्ताओं के साथ युवा राजनीति ध्वजवाहक व जेजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला की जेजेपी को समर्थन देने घोषणा की है।
यह घोषणा डा. अशोक तंवर ने यहां नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में की।पत्रकार वार्ता में जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला भी मौजूद थे। पांच साल तक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और सिरसा से सांसद रहे डा. अशोक तंवर द्वारा कुछ रोज पहले कांग्रेस छोड़ दी थी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर हलचल मचाने वाले अशोक तंवर ने कोई भी पार्टी ज्वॉइन करने से इंकार कर दिया है। बुधवार को उनके दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी में शामिल होने की बात उठी। पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि मैं पार्टी ज्वॉइन नहीं करूंगा बल्कि सिर्फ समर्थन करता हूं।
पूर्व सांसद एवं जेजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उचाना से जजपा उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस कांग्रेस को बुरे वक्त में अशोक तंवर ने अपनी मेहनत से संभाला था, आज उसी कांग्रेस में तंवर की अनदेखी हुई। जिस कांग्रेस में मेहनती व कर्मठ नेता की अनदेखी हुई, उस कांग्रेस से अब आम कार्यकर्ता क्या उम्मीद कर सकता है। दुष्यंत चौटाला ने अशोक तंवर को खुला निमंत्रण देते हुए कहा कि वे उनकी पार्टी में आएं तो उनका स्वागत है।
जजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में दुष्यंत ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर एक मेहनती तथा कर्मठ नेता हैं लेकिन कांग्रेस ने उनकी मेहनत का सम्मान नहीं किया। जिस समय कांग्रेस बुरे वक्त में थी उस समय तंवर ही ऐसे नेता था जिन्होंने कांग्रेस को संभाला था। उनकी अनदेखी करना कांग्रेस के लिए घातक होगा।
दुष्यंत ने तंवर को खुला निमंत्रण देते हुए कहा कि अशोक तंवर जैसे मेहनती नेता यदि उनकी पार्टी में आना चाहें तो उनका पूरा मान-सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश को आर्थिक रूप से बहुत कमजोर कर दिया है। प्रदेश से लगभग 200 कंपनियों ने पलायन कर दिया है। जिन युवाओं को इन कंपनियों में रोजगार मिला था वह बेरोजगार हो गए हैं।
आज लड़ाई सिर्फ हरियाणा की नहीं पूरे देश में घूमकर राष्ट्र निर्माण की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आज लड़ाई सिर्फ हरियाणा की नहीं पूरे देश में घूमकर राष्ट्र निर्माण की लड़ाई जारी रहेगी। समर्थन के लिए दुष्यंत चौटाला ने तंवर का धन्यवाद किया।
डा. तंवर व उनके समर्थकों द्वारा बुधवार को विधानसभा चुनावों में जेजेपी को समर्थन देने की घोषणा से एक ओर जहां हरियाणा की राजनीति में नए चुनावी समीकरण बन गए हैं, वहीं दूसरी ओर दुष्यंत और डा. अशोक तंवर की सियासी जुगलबंदी ने कांग्रेस व भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घमंड टूटेगा। कांग्रेस तीसरे और चौथे नंबर की लड़ाई लड़ रही है। दुष्यंत चौटाला प्रदेश में 36 बिरादरी को साथ लेकर चल रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए मेरा पूरा समर्थन उनके साथ है। हरियाणा में 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान से ठीक पांच दिन पहले प्रदेश की सियासत में आए इस नए मोड़ ने प्रदेश की चुनाव के समीकरण एक बार फिर बदल दिए हैं।
विधानसभा चुनावों का बिगुल बजने के बाद जनता के अभूतपूर्व समर्थन के चलते जेजेपी सत्ता की दौड़ में शामिल हो गई थी और अब राहुल गांधी के नजदीकियों में गिने जाने वाले अशोक तंवर के दुष्यंत के साथ खड़े हो जाने से जेजेपी के हाथ सत्ता की चाबी लगती दिख रही है।
दुष्यंत चौटाला और डा. अशोक तंवर की युगलबंदी चुनाव में उतरी राजनैतिक पार्टियों के लिए सिर दर्द बन सकती हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है कि दो युवा नेताओं के बीच की यह पालिटिक्ल कैमिस्ट्री सत्तारूढ़ दल को पछाड़ कर सत्ता के शिखर प जेजेपी को विराजमान कर दे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि वोटिंग के लिए बचे मुट्ठी भर पांच दिनों में अन्य दलों के लिए इस नए गठजोड़ की काट ढूंढना खाला जी का घर नहीं है।
प्रदेश की सरकार बनाने के लिए हो रहे इन चुनावों में नई जुगलबंदी जातिगत समीकरणों को एक नए सिरे से परिभाषित करेगी, जिसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ना स्वाभाविक है। डा. अशोक तंवर ने कहा कि मैंने अपने साथियों के साथ सलाह मशविरा करने के बाद विधानसभा चुनावों में जननायक जनता पार्टी को समर्थन देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों का हम समर्थन करेंगे और मैं अंहिसावादी हूं और मेरी यह मुहिम केवल विधानसभा चुनावों तक सीमित नहीं है। दुष्यंत को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रदेश की सभी 36 बिरादरी का साथ देना चाहिए और मेरा उनको पूरा समर्थन है।
अशोक तंवर का कहना था कि कांग्रेस का घमंड चूर-चूर होने जा रहा है और वह प्रदेश में तीसरे व चौथे नंबर की लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस में मेहनती कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी हुई है। जो अत्याचारी है, पापी है, उसके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।

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