लखनऊ- सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करना होगा। अभी तक सभी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव , मायावती, अखिलेश यादव , कल्याण सिंह , राजनाथ सिंह और एनडी तिवारी के पास लखनऊ में सरकारी बंगला हैं।वैसे लखनऊ में सरकारी बंगले जो भी पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास है खाली करने के बाद वहां कई बड़े सरकारी कार्यालय खोले जा सकेंगे ।
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार के पूर्व के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें इन्हे आजीवन सरकारी बंगले दिए जाने का प्रावधान था।
ऐमिकस क्यूरी (न्यायमित्र) गोपाल सुब्रमण्यम ने भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास दिए जाने को गलत बताया था। उनका कहना था कि यह जनता के पैसों का दुरूपयोग है।
अखिलेश सरकार में पास हुए इस कानून को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मंत्रियों की सैलरी, भत्ते व अन्य प्रावधानों से जुड़ा सेक्शन 4 (3) असंवैधानिक है। कोर्ट ने कार्यकाल समाप्ति के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास में बने रहने की अनुमति देने वाले उत्तर प्रदेश के संशोधित कानून को रद्द करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के कानून में संशोधन मनमाना, पक्षपातपूर्ण है और यह समानता की संवैधानिक अवधारणा का उल्लंघन करता है।
एनजीओ लोक प्रहरी ने 1997 में जारी सरकारी आदेश को चुनौती दी थी। 2004 में दायर इस याचिका पर नवंबर 2014 में सुनवाई पूरी हुई। लगभग डेढ़ साल बाद दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर के लिए सरकारी आवास नहीं दिया जा सकता।
मुख्यमंत्री पद छोड़ने के 15 दिन में खाली करने होंगे अब सरकारी बंगले ।
– लखनऊ से अनुज मौर्य की रिपोर्ट