नई दिल्ली- भारतीय जनता पार्टी पुनः कांग्रेस को तगड़ा झटका देने में लगभग सफल हो गई है, अब उसके मात्र 2 सीटों के समर्थन से काँनराड संगमा मेघालय के नये मुख्यमंत्री होंगे।
जानकारी के अनुसार संगमा ने भाजपा और अन्य दलों सहित 34 विधायकों के समर्थन का पत्र आज राज्यपाल को सौंप दिया। समझा जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह 6 मार्च मंगलवार को होगा। ऐसा करना संविधानिक मजबूरी भी है क्योंकि 7मार्च को वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इससे पहले 3 मार्च को आये मेघालय विधानसभा चुनाव परिणामों के अनुसार किसी भी पार्टी स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने से त्रिशंकु विधानसभा की तश्वीर उभर कर सामने आ रही थी हालांकि गत 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज कांग्रेस इस बार बड़ी पार्टी के तौर पर तो उभरी मगर बहुमत से काफी दूर रही। कांग्रेस को 21 सीटें मिली जबकि मुख्य विपक्षी एनएनपी को -19, यूडीपी -6,भाजपा-2,पीडीपी-4, भाजपा -2,और अन्य को मिली! अब एनएनपी को यूडीपी, पीडीपी, एचएसपीडीपी,भाजपा और एक निर्दलिय ने भी समर्थन दे दिया है! जैसा की पहले से ही अपेक्षित था कि भाजपा मेघालय में जोड़-तोड़ करके वहां अपने समर्थन से सरकार बनवायेगी वो लगभग सच सावित हो गया! हालांकि कांग्रेस ने भी इस दफा गोवा और मणिपुर की गलती को न दोहराते हुये 3 मार्च को ही मेघालय के राज्यपाल के समक्ष बड़ी पार्टी होने के कारण सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। मगर वह रश्मी साबित हुआ, इस काम के लिए कांग्रेस ने अपने अनुभवी और दिग्गज नेताओं अहमद पटेल और कमलनाथ को लगाया था! मगर वे भाजपा नेता और असम मंत्रीमंडल में मंत्री हेमांता विस्वा सरमा के सामने फैल साबित हुये! भाजपा ने हेमांता विस्वा को छोटे-छोटे दलों को सरकार में शामिल करने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसमें सफल रहे! ये वही हेमांता विस्वा हैं जो असम कांग्रेस की सरकार में शामिल रहते हुये राहुल गांधी द्वारा उन्हें समय न देने से नाराज होकर भाजपा में शामिल हो गये थे! त्रिपुरा में भी भाजपा की प्रचंड जीत के विस्वा भी एक शिल्पी हैं! मेघालय के नये मुख्यमंत्री बनने वाले 40 वर्षिय काँनराड संगमा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा के पुत्र और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुश्री आस्था संगमा के भाई हैं! एक मजे की बात यह है कि वर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जेम्स संगमा उनके भाई हैं और काँनराड संगमा भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं! कांग्रेस के लिये मेघालय हाथ से चला जाना बेहद दुखदः है मगर उसे इस बात से संतोष करना पड़ेगा कि वो अभी भी विधानसभा में बड़े दल के रुप में तगड़े विपक्ष की भूमिका निर्वाह कर सकती है! बैसे भी मेघालय में गोवा और मणिपुर से स्थिति भिन्न है क्योंकि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस कुछ ही सीटों से पीछे थी जबकि यहां वो 10 सीट पीछे थी! बहरहाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा कांग्रेस की दमदार प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी चुनाव जीतने में आगे निकल गये हैं!