कोलकाता में विपक्षी दलों की महारैली आज: सोनिया , राहुल और मायावती नहीं होंगे शामिल

नई दिल्ली । दिल्ली की कुर्सी पर नजर के साथ तृणमूल कांग्रेस ने यहां शनिवार को विपक्षी राजनीतिक दलों की महारैली की तैयारियां पूरी कर ली है। इस रैली के लिए शुक्रवार से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों से पार्टी समर्थकों का महानगर पहुंचना शुरू हो गया। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि यह रैली आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी। भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के खिलाफ प्रस्तावित महागठजोड़ के मकसद से यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली रैली में विपक्षी राजनीतिक दलों के 20 से ज्यादा नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है। उक्त रैली में अरविंद केजरीवाल, एच.डी. कुमारस्वामी और एन चंद्रबाबू नायडू जैसे मुख्यमंत्रियों के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन के अलावा भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल होंगे। कांग्रेस की ओर से लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके सहयोगी अभिषेक मनु सिंघवी मौजूद रहेंगे। इस मौके पर बसपा नेता सतीश मिश्र, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, रालोद के अजित सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा व अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी ममता के साथ मंच पर मौजूद रहेंगे। हाल में भाजपा से नाता तोड़ने वाले अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग भी रैली में शामिल होंगे। वामदलों ने तो पहले ही रैली में शामिल नहीं होने का एलान कर दिया था। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मायावती के नहीं आने से रैली की चमक कुछ फीकी जरूर हुई है। इस बीच ममता ने कहा है कि बसपा की ओर से सतीश मिश्र का आना भी हमारे लिए अहम है। उन्होंने कहा कि कि अबकी लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय दलों की भूमिका ही निर्णायक होगी। ममता ने कहा भाजपा के कुशासन के खिलाफ एकजुट भारत रैली होगी। उनका दावा है कि लोकसभा में भाजपा 125 से ज्यादा सीटें नहीं जीत सकेगी। उसके मुकाबले क्षेत्रीय दलों को ज्यादा सीटें मिलेंगी। तृणमूल कांग्रेस को उम्मीद है कि इस रैली के बाद ममता बनर्जी की छवि एक ऐसे कद्दावर नेता के तौर पर उभरेगी जो लोकसभा चुनावों के बाद तमाम दलों को साथ लेकर भाजपा को चुनौती देने में सक्षम हैं। क्या इस रैली के बाद तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने के लिए सामने आएगे? इस सवाल पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि ममता देश में विपक्ष की सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं और भाजपा के खिलाफ लड़ाई में वे दूसरे दलों को भी साथ लेने में सक्षम हैं। केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री के तौर पर उनके पास लंबा अनुभव भी है। बाकी तो लोगों पर निर्भर है कि वे ममता को किस भूमिका में देखना चाहते हैं। इस रैली के लिए होने वाले प्रचार के दौरान तृणमूल के तमाम नेता ममता के नेतृत्व में ही केंद्र में अगली सरकार के गठन का दावा करते रहे हैं।

– सुनील चौधरी सहारनपुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *