*वृद्ध किसान के इलाज में लापरवाही होने पर मंत्री व विधायक ने दिए थे सीएमएस को कड़े निर्देश
वाराणसी /सेवापुरी- जंसा थाना क्षेत्र गोसाई पुर निवासी गरीब व वृद्ध किसान रामदुलार पटेल ( 65 ) के कूल्हे की हड्डी टूटने के बाद राजकीय चिकित्सालय में इलाज में बरती जा रही खामियों को संज्ञान लेकर स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल व विधायक नीलरतन नीलू पटेल ने सीएमएस मेजर विपुल कुमार को कड़े निर्देश क्या दे दिए , यहां के चिकित्सकों ने मरीज को किडनी , सीने में इंफेक्शन समेत अन्य कई गम्भीर बीमारियों का हवाला देते हुए रोग व ऑपरेशन करने में अक्षम बताते हुए वृद्ध किसान को सर सुंदर लाल चिकित्सालय हेतु रेफर कर दिया । जबकि इसी अस्पताल के कुछ कर्मियों ने दबे जबान स्वीकार किया कि चिकित्सालय की खामी को मंत्री , विधायक के संज्ञान में लाने का परिणाम है कि मरीज को टरकाया जा रहा है ।
बतातें चले कि जंसा थाना क्षेत्र के गोसाइंपुर गांव निवासी वृद्ध किसान का बुधवार को कूल्हे की हड्डी टूट गयी । जिसके बाद उनके परिजनों ने उन्हें उपचार हेतु राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया । यहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने मरीज को ट्रैक्शन किट ( पैर में ईंट लटकाकर ) , दवा , इंजेक्शन लिख ओपीड़ी से चले गए । लेकिन डॉक्टर ने पेशाब करने की नली व थैली नही लगवाई । रात 9 बजे जब मरीज सीने में दर्द की जिस पर सिस्टर से सम्पर्क करने पर दर्द व नीद का इंजेक्शन दे दिया गया। दूसरे दिन सुबह डॉक्टर राउंड पर आए और मरीज को बिना देखे जांच लिख चले गए । जिस पर दिन भर परिजन जांच कराते रहे । रात में मरीज ने फिर से तेज दर्द की बात की तो डॉक्टर से उनके मोबाइल पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई । लेकिन सम्पर्क नही हो सका । इसी अस्पताल के अन्य डॉक्टर से सम्पर्क किया गया तो उनसे बात हुई सारी जानकारी फोन पर लेने के साथ जब मलमूत्र कितनी बार हुआ पूछा तो बताया गया कि एक बार भी नही । इस पर उन्होंने ईएमओ के डॉक्टर से बात कर पेशाब करने की नली ,थैली लगवाया । जिसके बाद मरीज को आराम हुआ । इस तरह के लापरवाही की जानकारी किसी तरह राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल व विधायक नीलू पटेल को हो गई । जिस पर मंत्री , विधायक ने सीएमएस से बात की । इसका नतीजा निकला कि अब रामदुलार के कूल्हे की हड्डी न सिर्फ टूटी है बल्कि उन्हें कई अन्य बीमारियों ने भी घेर रखा है । जिसका इलाज यहां के चिकित्सकों के पास नही बीएचयू के चिकित्सकों के पास है कह कर रेफर कर दिया गया।
रिपोर्ट-:चंद्रभान सिंह कपसेठी