बरेली। किसानों के बाद व्यापारी भी बीडीए के विरोध में आ गए है। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि बीडीए व्यापारियों को धमका कर परेशान कर रहा है। व्यापारियों ने बताया, बीडीए का कहना है कि व्यापारी रेजिडेंसियल एरिया में दुकानों का संचालन कर रहे है। इसके लिए बीडीए की टीम व्यापारियों के पास आती है और वर्षों पुराने कागजात और नक्शे मांगती है। जबकि तमाम व्यापारियों ने पहले ही कम्पाउंडिंग व अन्य योजनाओं के तहत कागजात और नक्शे जमा करा दिए है। मगर फिर भी बीडीए उनकी दुकानों को सोमवार के लिए सील करने को कह रहा है। शुक्रवार को एकता नगर में प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने एक बैठक की। जिसमें उन्होंने बताया कि बीडीए डेलापीर से रेलवे फाटक तक की दुकानों को सील करने की योजना बना रहा है। हर दिन बीडीए की टीम आती है और व्यापरियों से उनके पुराने कागज और नक्शे मांगती है। जो दुकानदार पिछले करीब 25-30 सालों से अपनी दुकानें संचालित कर रहे है। उनके पास कागज नहीं होने पर उन्हें सील और ध्वस्त करने की धमकी भी देता है। जो न्यायपूर्ण नहीं है। उनका कहना था कि इस बारे में पिछले वर्ष बीडीए वीसी दिव्या मित्तल और तत्कालीन कमिश्नर से भी बात हुई थी। तो आश्वासन दिया गया था कि पुराने भवनों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। व्यापारी वर्ष 2000 में आई सरकार की सरल समन योजना और स्वैच्छिक समन योजना में भी अपनी जमीनों को रेजिडेंसियल से कॉमर्शियल में परिवर्तित के लिए पैसे जमा करा चुके थे। यह पैसे उन्होंने सर्किल रेट का 100 फीसदी जमा किया था। उसका भी अभी कुछ नहीं हुआ। तो फिर बीडीए व्यापारियों को परेशान क्यों कर रहा है। बैठक में मौजूद व्यापारियों ने बताया कि वह हर महीने लाखों रुपये का टैक्स जमा करते है। इसके बाद भी उन्हें प्रताणित किया जाता है। व्यापारियों ने चेताया है कि यदि बीडीए इसी तरह से प्रताणित करता रहा तो उन्हें भी कोई सख्त एक्शन लेना पड़ेगा। हालांकि इसके लिए उन्होंने शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार से भी बात की। उन्होने इस तरह से उत्पीणन न होने का आश्वासन दिया है।।
बरेली से कपिल यादव