बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए मस्जिदों में नमाज-ए-जुमा नहीं पढ़ी गई। कस्वे की ज्यादातर मस्जिदों में ताले लगे रहे। मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग पूरे एक महीने खुदा की इबादत करते हैं। मुसलमान दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं, कुरान की तिलावत और दिन में रोजा (उपवास) रखकर करते है। तड़के सहरी और शाम को सूरज ढलने के बाद एक इफ्तार करते हैं. इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान में तरावीह की विशेष नमाज को सामूहिक रूप अदा करते हैं। दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते मुस्लिम धर्मगुरुओं के द्वारा मुस्लिम समुदाय से अपने-अपने घरों से नमाज पढ़ने और इबादत करने की अपील के साथ-साथ कस्वे की मस्जिदों के गेट पर पोस्टर लगाए गए है। इसके साथ ही रोजा इफ्तार व सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करे। पुलिस प्रशासन स्वास्थ्य कर्मियों का साथ दे।।
– बरेली से कपिल यादव