कुशीनगर- बीती रात को तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने मौसम के करवट बदलने का संकेत दे दिया है।एक ओर जहाँ भीषण गर्मी एवं चिलचिलाती धूप से थोड़ी राहत मिली है वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरे खिल उठे हैं।किसान मान रहे हैं कि इस वर्ष मानसून का आगमन समय से हो रहा है जिससे हमारी खेती भी अच्छी होगी। बिहार की सीमा से लगे कुशीनगर जनपद मे धान, गेहूं एवं गन्ने की खेती सर्वाधिक क्षेत्रफल पर की जाती है।वर्तमान समय मे धान की रोपाई हेतु जहाँ खेतों मे नर्सरी तैयार हो रही है वहीं गन्ने की फसल सिंचाई के लिए तैयार है। गर्मी की जुताई के पश्चात तपती मिट्टी पर बारिश की बूंदें, मिट्टी को नया जीवन प्रदान तो करतीं ही हैं साथ ही साथ बारिश से वो सारे खर पतवार धान की रोपाई से पहले ही उग जाते हैं जिससे निराई गुड़ाई मे होने वाले आर्थिक बोझ से किसान बच जाते हैं।ऐसे समय मे मौसम मे हुए बदलाव ने किसानों को दो तरह से खुश कर दिया है।एक तो तत्काल सिंचाई के लिए किसानों की जेब ढीली होने से बच गई तथा दूसरी ये कि मानसून के ससमय आने के संकेत ने अच्छे उत्पादन होने की आस जगा दी है। सामान्यतः जनपद मे पन्द्रह जून के आस पास मानसून के आगमन की उम्मीद की जाती है।
– कुशीनगर से जटाशंकर प्रजापति