आजमगढ़- वाराणसी के मशहूर ट्रांसपोर्टर धर्मराज यादव की हत्या में वांछित तरवां के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अखंड प्रताप सिंह पर एक बार फ़िर कुर्की की तलवार लटकी है। कोर्ट के आदेश पर स्थानीय पुलिस ने पूर्व प्रमुख के तरवां थाना के जमुआ स्थित आवास पर एक्ट 82 के तहत कार्रवाई की। इसमें कोर्ट के निर्धारित नियत समय में कोर्ट में पेश होने का नोटिस है। पिछले माह ही पूर्व प्रमुख पर एक लाख का इनाम भी घोषित हुआ था। वर्ष 2013 में तरवां थाना क्षेत्र निवासी वाराणसी के मशहूर ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की मेहनाजपुर थाना क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में तरवां ब्लाक के पूर्व प्रमुख अखंड प्रताप सिंह सहित कई लोग नामजद हैं। पूर्व प्रमुख को इस घटना का मास्टर माइंड होने का आरोप है। वर्ष 2017 में हुए विधान सभा चुनाव मेें उसने कोर्ट के स्टे के आधार पर बसपा के टिकट पर अतरौलिया से चुनाव लड़ा पर चुनाव में हार के बाद से ही अखंड फरार हैं। गिरफ्तारी न होने पर पुलिस ने कुर्की भी की पर कोई सफलता नहीं मिली। 2013 में भी अदालत के निर्देश पर तरवां थाना पुलिस ने पूर्व ब्लाक प्रमुख तरवां अखंड प्रताप सिंह के जमुआ गांव स्थित आवास की कुर्की की थी। साथ ही उसके ईंट भट्ठे पर करीब बीस लाख रुपये मूल्य के ईंटों को भी सीज कर दिया था। मेहनगर थाने के टोढ़रपुर गांव निवासी ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की उस समय हत्या कर दी गई जब 11 मई 2013 की रात तरवां थाने के नरायनपुर गांव निवासी रिश्तेदार के घर से लौट रहा था। इस दौरान उसके साथ बड़े भाई अच्छेलाल सहित तीन लोग मौजूद थे। जैसे ही सभी गांव के बाहर मुख्य मार्ग पर पहुंचे कि पहले से घात लगाए तीन स्कार्पियो सवार बदमाशों ने धनराज की स्कार्पियो को घेर लिया। ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए धनराज की हत्या कर भाग गए। भागते समय बदमाश उसकी बंदूक भी लूट ले गए। मामले में धनराज यादव के बड़े भाई ने पूर्व ब्लाक प्रमुख तरवां अखंड प्रताप सिंह समेत नौ लोगों को नामजद व चार अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें बताया कि राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उसके भाई की हत्या की गई है।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़