आज़मगढ़ – मेरे भईया मेरे चन्दा मेरे अनमोल रतन …. के भाव में भाईयों के मंगल कामना व लम्बी उम्र के लिये शुक्रवार को जनपदभर में बहनों ने भइया दूज के अवसर पर व्रत रखा और दोपहर में विधि विधान से पूजन अर्चन कर अपने देवताओं से मिन्नतें मांगकर गोवर्धनपूजा के बाद जलपान ग्रहण किया। इस व्रत की मान्यता है कि सतयुग में महिलायें अपने भाईयों की लम्बी उम्र के लिये भगवान इंद्र देव की पूजा किया करती थी। एक बार पूजा करते समय बहुत तेज बारिश होने लगी तो महिलायें भगवान इंद्र को पुकारने लगी और बारिश बंद होने की मन्नते मांगने लगी लेकिन बारिश बंद नही हुई और ना ही भगवान इंद्र आये। वहीं पर भगवान श्रीकृष्ण प्रकट हुये और उन्होंने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर पूजा कर रही महिलाओं को बारिश से बचाया और कहा कि आप सभी को इंद्र देव की पूजा न करके बल्कि गोवर्धन, वृक्ष, गौ, गोबर, खर पतवार आदि प्रकृति की सारी वस्तुओं की पूजा करनी चाहिये जो कि मानव जीवन में अपना विशेष योगदान रखती है इसकी पूजा से मानव जाति व प्रकृति को विशेष बढावा मिलेगा। जिसके उपरान्त तब से लेकर आज तक महिलायें इस व्रत को अपने भाईयों की लम्बी उम्र के लिये रखती है।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़