बरेली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वर्ण पदक विजेताओं में बेटियों की संख्या अधिक देखकर संतोष जताया। उन्होंने बेटियों की भागीदारी पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि बेटियों का पशु चिकित्सा जैसे क्षेत्र में आगे आना समाज के लिए एक सकारात्मक और प्रेरणादायक संकेत है। बेटियां इस क्षेत्र में आगे बढ़ रही है, तो यह दर्शाता है कि वे केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए सोच रही है। राष्ट्रपति ने आईवीआरआई के दीक्षांत समारोह में पीएचडी, एमवीएससी, वीवीएससी के कुल आठ स्वर्ण पदक विजेताओं में से सवांधिक पांच छात्राएं होने पर खुशी व्यक्त की। इन पांच छात्राओं में पीएचडी से डॉ. मेघा शर्मा, डॉ. अमृता बानू, एमवीवीएससी से डॉ. सेलेसिस, डॉ. खुशबू चौधरी, वीबीएससी में डॉ. तान्या चौधरी शामिल रहीं। पांचों छात्राओं को राष्ट्रपति ने स्वर्ण पदक पहनाकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुर्मू ने बताया कि पशु चिकित्सा न केवल विज्ञान का विषय है, बल्कि यह संवेदना, सेवा और समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि वह जिस परिवेश से आती है, वह प्रकृति के बहुत निकट है। सच कहें तो पशु और मानव का परिवार का रिश्ता है। जब हम छोटे थे तब पशु हम लोगों के लिए बहुत खास थे। हम लोग उनके बिना जिंदगी सोच नहीं सकते थे। ग्रामीण परिवेश में पशुओं की बीमारियों और उनकी समस्याओं के बारे में घर की महिलाओं को ही जानकारी होती है।।
बरेली से कपिल यादव