फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। रबड़ फैक्ट्री में आतंक का पर्याय बनी बाघिन बड़े कमाल की है। वन अधिकारी भी उसे अब शातिर बताने लगे हैं। कुछ ऐसे ही सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। जिसमें बाघिन के सामने एक बकरा बंधा हुआ है। बाघिन उसे बैठकर देखती है, लेकिन खुद को फंसने का अंदेशा होते ही वापस लौट जाती है। ऐसे छह सीसीटीवी फुटेज में मिले हैं। जानकारी के अनुसार,16 मार्च की रात को सीसीटीवी फुटेज में रबड़ फैक्ट्री के परिसर में एक बाघिन को देखा गया। जिसको देखते ही अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में पूरे इलाके की किलाबंदी करा दी गई । 16 से आज 29 मार्च हो गई। उस बाघिन को कोई पकड़ नहीं सका। 70 विशेषज्ञ लगे रहे। 32 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। शनिवार की रात चूना कोठी के आसपास लगाए गए सीसीटीवी फुटेज में बाघिन की कुछ तस्वीर सामने आई हैं, जिसे देखकर वन अधिकारी भी हैरत में हैं। कोठी के अंदर ऑटोमेटिक गेट लगाया गया है।बाघिन शिकार को जैसे ही इस दरवाजे को पार करेगी। दरवाजा खुद ही बंद हो जाएगा। इसके बाद बाघिन को आसानी से ट्रेंकुलाइज किया जा सकेगा। बाघिन अपने शिकार तक गई लेकिन सामने रस्सी से बंधे बकरे को एक या दो मीटर दूरी से देखती रही। फिर वापस लौट गई। वन अधिकारियों का कहना है, ऐसा लग रहा है बाघिन शांत स्वभाव की है इसीलिए यह आक्रमक नहीं। बिग कैट प्रजाति वाले जानवर बहुत ही आक्रमक होते हैं। पलक झपकते ही सामने आते ही अपने शिकार को ढेर कर देते हैं। यह बाघिन तो इस शिकार से अनजान है। हालांकि बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के लिए टाइगर रिजर्व और दुधवा नेशनल पार्क से टाइगर विशेषज्ञ टीमों को फिर बुला लिया गया है। माना जा रहा है कि बाघिन फैक्ट्री के करीब एक किलोमीटर एरिया तक की आती जाती है। उसका सबसे अधिक प्रिय स्थान चूना कोठी के आसपास है। क्योंकि रोज ही वहां नए पद चिन्ह मिलते हैं।।
– बरेली से कपिल यादव