बरेली। कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए लॉक डाउन से आमजन आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसी का हवाला देते हुए अभिभावक उपभोक्ता फोरम में सामूहिक रूप से वाद दायर करे। जिसमे निजी स्कूलों पर कम से कम तीन महीने की फीस वसूली पर रोक लगनी चाहिए। जनता की आर्थिक परेशानियों को देखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट यशेन्द्र सिंह एडवोकेट ने शुक्रवार को घोषणा की है कि लॉकडाउन के बाद फीस माफ न करने वाले स्कूलों के खिलाफ अब उपभोक्ता फोरम मे सामूहिक वाद दायर किये जाएंगे। जब सेवा नही तो धन बसूली क्यों। इस आशय की सूचना उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने बताया शिक्षा अब पूरी तरह से व्यवसाय है। सभी स्कूल धन कमाने में लगे हुए है। इसके लिये उन्होंने सभी अभिभावको से अपील की है कि लॉकडाउन के बाद अपने अपने जिलो में उपभोक्ता फोरम मे वाद दायर करें और अवैध बसूली करने वाले स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिये शिकायत दर्ज कराए और उस स्कूल की शिक्षा समिति रद्द कराने के लिये रजिस्ट्रार कार्यालय में सामूहिक ज्ञापन दे। जब तक जनता नही जागेगी। तब तक यह लोग नही सुधरेंगे। साथ ही साथ फीस माफ करने वाले सभी स्कूलों का हमे सम्मान करना चाहिए व उनका आभार व्यक्त करना चाहिए। यह कार्य पूरी तरह से जनहित के है और हम सभी को आगे आकर इसमें सहयोग करना चाहिए।।
बरेली से कपिल यादव