नकल माफियाओं ने जमकर लूटा बेरोजगार मास्टरों को सरकार आई आफत में कमजोर भेदिया लापरवाही के कारण

बाड़मेर/राजस्थान- राज्य में कोई भी गलत काम को रोकने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हमारे पुलिस बेडे़ की होती है, ओर पिछले दो दशकों से राज्य में कमजोर भेदिया पुलिस तत्र के कारण ही बार बार शर्मशार होना पड़ता है, जिले में ओर जिला मुख्यालय पर पुलिस का महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बीट कास्टेबल अपने इलाके की छोटी बड़ी सब अपराधियों की जन्म कुन्डली उनके नजर में होती है लेकिन आजकल पुलिस तत्र द्वारा जानबूझकर या फिर मिलीभगत से ही सही अपने निजी स्वार्थ के कारण लगातार अपराध के ग्राफ बढते जारहें है यह भविष्य में बहुत ज्यादा दुखदायी साबित होगा l

जोधपुर सम्भाग में नशे का कारोबार चरम पर है, अवैध हथियारों की होड़ लगी हुई है लेकिन आजकल जिम्मेदार ही मौन है अगर पुलिस थाने का स्टाफ़ चाहे तो अपने इलाके में अपराध करने वाले अपराधियों को रोक सकता है लेकिन कौन पगा ले इन लोगों से यही सोचकर चलते हैं लेकिन सफेदपोश लोगों द्वारा संचालित नकल गिरोहों द्वारा राज्य में सरकार को इन दिनों हिलाकर रख दिया है l

फरवरी महिने में ही नकल गिरोहों से मास्टरों की रीट परिक्षा सरकार द्वारा निरस्त करने के बाद अभ्यर्थियों द्वारा अपनी
रकम वापसी के लिए नकल माफियाओं पर दवाब आया है लेकिन नजदीकी पुलिस तत्र द्वारा समझा बुझाकर वापस भेजा जा रहा है ओर कोई जुगाड़ निकालने के लिए कोर्ट कचहरी की शरण में चले गए हैं लेकिन कोर्ट कचहरी के चक्कर में उलझे मास्टरों को समयानुसार सब कुछ ठन ठन गौपाल….

पिछले साल सितंबर महिने में आयोजित मास्टरों की रीट परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली और पेपर लीक मामले के खुलासे, एसओजी की रिपोर्ट और बढ़ते विरोध के चलते अशोक गहलोत सरकार की ओर से रीट लेवल दूसरे को निरस्त करने का फैसला लिया गया था लेकिन इस फैसले से बेरोजगारों का एक तबका वो भी है, जो निराश और हताश नजर आ रहा है l

परीक्षा में लगभग पन्द्रह सोलह लाख से ज्यादा परीक्षा शामिल हुए थे, ऐसे में एक बड़ा वर्ग चाहता था परीक्षा निरस्त हो लेकिन एक वर्ग वो भी है, जो परीक्षा को निरस्त करने के पक्ष में नहीं है. अब वो ही वर्ग अपनी पीड़ा को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाता हुआ नजर आ रहा है l

रीट लेवल दूसरे की परीक्षा में अच्छे अंकों से पास हुए परीक्षार्थी अब परीक्षा को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर दर-दर भटक रहे हैं, कभी अधिकारीयों तो कभी मंत्री के सामने गुहार लगा रहे हैं लेकिन हर ओर से निराशा हाथ लगने के बाद अब परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है l परीक्षा को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर अब अभ्यर्थियों की अंतिम उम्मीद न्याय की देवी बची है, ऐसे में अभ्यर्थियों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा रही हैl

रीट लेवल दूसरी रद्द होने के बाद परीक्षार्थियों के चेहरों पर निराशा साफ नजर आ रही है, परीक्षा में शामिल हुए बेरोजगार विधार्थियो का कहना है कि “सालों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैंl कोरोना जैसी महामारी के बीच जहां आर्थिक हालात बद से बदतर हो चुके हैं लेकिन इस समस्याओं के बीच भी अपनी पढ़ाई को रुकने नहीं दिया लेकिन राज्य सरकार ने खुद ही माना है कि महज 300 से 400 लोगों तक नकल गिरोहों द्वारा पेपर पहुंचा है. फिर उसके बाद सरकार 32 हजार बेरोजगारों के सपनों के साथ खिलवाड़ कैसे कर सकती है चाहे नई भर्ती के पद बासठ हजार करने के बाद भी ?

बेरोजगार अभ्यर्थियों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच आर्थिक हालातों से गुजरकर भूखे पेट रहकर पढ़ाई की है ओर उम्र के इस पड़ाव पर पहुंच चुके हैं कि अब और कोई रास्ता भी नहीं बचा है. राज्य सरकार को चाहिए कि वो नकल गिरोहों से साठगांठ करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर उनको आजीवन परीक्षाओं से बाहर करे. ना की पूरी परीक्षा को ही स्थगित करे l सरकार की ओर से सिर्फ विरोध और राजनीतिक दबाव को देखा गया जबकि हजारों बच्चों के सपनों की सरकार को कोई परवाह नहीं है, इसलिए सरकार दोषियों पर कार्रवाई करते हुए परीक्षा को फिर से बहाल करने का फैसला लेना चाहिए।

– राजस्थान से राजूचारण

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