झांसी-नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जैसे ही यह भजन भागवत कथा के दौरान कथा वाचक कुं. सुमन सरकार ने श्रीकृष्ण के जन्म पर गाया तो पूरा पंडाल खुशी से झूम उठा।
खाती बाबा क्षेत्र की शांति कुंज कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे ही भगवान कृष्ण का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं द्वारा अपने घरों से लाए गए गुड़ के लड्डूओं से भगवान को भोग लगाया गया। इस अवसर पर कथावाचक कुं. सुमन सरकार ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया। आगे कथा को संबोधित करते हुए कहा किे भागवत कथा मनुष्य को जीवन कैसे जीना चाहिए। यह सिखाती है। बच्चों में संस्कार बाल्यकाल से ही डालना चाहिए। यह उनके माता पिता का कर्तव्य जिम्मेदारी होती है। श्रीराम का उदाहरण देते हुए बताया कि भगवान श्रीराम सर्वथा सुबह उठकर अपने पिता के पैर छुआ करते थे। इसलिए ठीक उसी प्रकार माता पिता अपने बचचों को रामायण का श्रवण कराना चाहिए। माता पिता का धर्म बनता है। कि वह बच्चों को धर्मों रक्षित रक्षतः का पाठ सिखाएं। कथा के अंत में मुख्य यजमान के रूप में श्रीमती सोनी- रामकृष्ण यादव मौजूद रहे। अंत में कथा की आरती उताारकर महाप्रसादी का वितरण किया गया।
-उदय नारायण ,झांसी