आजमगढ़- कृषि भवन परिसर सिधारी में आयोजित सब-मिशन आन एग्रीकल्चर अन्तर्गत आत्मा योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय किसान मेला,प्रदर्शनी का जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा फीता काटकर तथा दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा प्रदर्शनी में कृषि, पशुपालन तथा उद्यान विभाग द्वारा लगाये गये कृषि यंत्रों, कीटनाशक दवाओं, बीज के स्टालों का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए किसान भाई उन्नतशील बीज तथा नवीन कृषि यंत्रों तथा मिश्रित खेती का प्रयोग करें। उन्होने कहा कि जब देश स्वतंत्र हुआ था, उस समय अकाल था तो उस समय खाने के लिए अनाज भी नही था, लेकिन उसी समय हरित क्रांती से किसानों में ऐसा परिवर्तन हुआ कि उ0प्र0, पंजाब के राज्यों में इतना अनाज पैदा हुआ कि पूरे देश के लिए पर्याप्त था।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज कीटनाशक दवाओं तथा उर्वरक के अन्धाधुन्ध प्रयोग से भूमि की उत्पादकता शक्ति क्षीण होती जा रही है, यह चिन्ता का विषय है। उन्होने कहा कि रासायनिक खादों के साथ-साथ जैविक खाद का भी प्रयोग करें तथा भूमि का मृदा स्वास्थ्य परीक्षण करायें, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कराने से भूमि में किन-किन पोषक तत्वों की कमी है इसकी जानकारी प्राप्त होगी, उसी के अनुसार मिट्टी का उपचार करें। उन्होने कहा कि जो किसान भाई कृषि यंत्र नही खरीद सकते हैं, उनके लिए कृषि यंत्र किराये पर भी उपलब्ध है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जो किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करा चुके हैं, उनको वार्षिक 6000 रू0 03 समान किश्तों में प्राप्त होगी, उसी पैसे से लघु एवं सीमान्त कृषक प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के अन्तर्गत 18 से 40 आयु वर्ग के किसान पैसा जमा कर सकते हैं, और उनको 60 वर्ष बाद प्रतिमाह 3000 रू0 पेंशन भी प्राप्त होगा। यह किसानों के लिए बहुत लाभदायक योजना है।
जिलाधिकारी द्वारा माॅडल ग्राम हुसैनगंज विकास खण्ड पल्हनी के कृषक रमाशंकर यादव, रामचन्द्र यादव, सुनील तिवारी आदि किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा कृषि में बेहतर कार्य करने में उदयभान, देवेन्द्र कुमार राय, आशा राय आदि किसानों को प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रतिकात्मक रूप से वितरित किया गया। इस प्रदर्शनी में पोषक तत्वों के संतुलित उपयोग हेतु जागरूकता अभियान भी चलाया गया, इस अभियान का उद्देश्य है कि कृषक मिट्टी परीक्षण के आधार पर संतृप्त किये गये सभी पोषक तत्वों का प्रयोग अवश्य करें। खेतों में जितनी यूरिया प्रयोग कर रहे हैं, उसकी आधी मात्रा डीएपी व चैथाई मात्रा पोटाश का प्रयोग अवश्य करें, लगभग 20 प्रतिशत पोषक तत्व कम्पोस्ट,हरी खाद,देशी खाद से दें, फसल अवशेष न जलायें, बायो डीकम्पोजर का प्रयोग कर इनको खेत में सड़ाकर मिट्टी की उर्वरता शक्ति बढ़ाई जा सकती है। उर्वरक मंहगे कृषि निवेश हैं, इनका प्रयोग सही समय, सही मात्रा एवं सही विधि में करे। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक रणधीर नायर, केएन सिंह, पशु चिकित्साधिकारी द्वारा किसानों की आय दोगुनी कैसे हो, पशुपालन, कृषि यंत्र आदि पर विस्तार से चर्चा की गयी।
इस अवसर पर संयुक्त कृषि निदेशक एसके सिंह, डीडी कृषि डाॅ0 आरके मौर्य, सीवीओ डाॅ0 वीके सिंह, डीएचओ बालकृष्ण वर्मा, डीसी एनआरएलएम बीके मोहन, जिला कृषि अधिकारी डाॅ0 उमेश कुमार अधिकारी, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी संगम सिंह सहित प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़