आजमगढ़- उपभोक्ता संरक्षण विधेयक-2018 को लोकसभा में पारित किए जाने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी व प्राइवेट डाक्टर शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। इस दौरान अपनी मांगों से संबंधित पत्रक राज्यसभा सांसद अमर सिंह को भेजा। कहा कि इस विधेयक से डाक्टर जहां परेशान होंगे, वहीं मरीजों के संवैधानिक अधिकारों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।पदाधिकारियों ने कहा कि डाक्टरों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें अपनी चिकित्सा क्षतिपूर्ति 200 फीसद तक बढ़ानी होगी। उनके पास अपने पेशेवर शुल्क को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। ऐसे में बोझ गरीब व जरूरतमंद मरीजों पर पड़ेगा। चिकित्सा पेशेवरों के पास कोई विकल्प नहीं होगा। वे उन रोगियों को लेना बंद कर देंगे जो जोखिमपूर्ण और जटिल हैं। इससे मरीजों के सकारात्मक स्वास्थ्य पर फिर से प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रयोगशाला की जांच संख्या बढ़ जाएगी। इससे मरीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कहा कि यह विधेयक चिकित्सकों के लिए खतरनाक है, क्योंकि मानवीय मुद्दों पर विचार नहीं किया गया है। इससे छोटे नर्सिग होम द्वारा प्रदान की जाने वाली सस्ती लागत पर इन सेवाओं के उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस अवसर पर अध्यक्ष डा. स्वास्ति सिंह , सचिव डा. अर्चना मैसी, डा. जावेद अख्तर, डा. एके मिश्रा, डा. फुरकान, डा. एके सिंह , डा. दीपक साहा, डा. पी के खेतान, डा. केएन सिंह , डा. आरडी सिंह , डा. मोअज्जम खान, डा. जोरार अहमद आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़