उत्तराखंड : शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को बदनाम करने की सोची समझी साजिश

उत्तराखंड : शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को बदनाम करने की सोची समझी साजिश। वायरल वीडियो में जो लोग विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं, वे लोग प्रदेश के अन्य जनपदों के लोगों के लिए तो अंजान हो सकते हैं, किंतु राठ क्षेत्र में उनका चरित्र, उनकी क्षीण मानसिकता तथा उनकी करतूतें किसी से छिपी हुई नहीं हैं। ये वही लोग हैं जो 2007 के विधानसभा आम चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं पर पत्थर बरसा रहे थे। 2012 विधानसभा चुनाव में भी इनकी करतूतों से पूरा राठ क्षेत्र अवगत है। शराब के नशे में चूर होकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के विरोध में नारेबाजी करना, उनको जबरन रोकना, उनके साथ धक्का मुक्की करना कहीं न कहीं देवभूमि की परम्परा के खिलाफ है।

सड़क मांगने वाली जनता ही विरोध करने लगे समझ से परे । डॉ धन सिंह रावत के खिलाफ ये राजनीतिक षड्यंत्र है, उनकी राजनीतिक सामाजिक छवि को खराब करने तथा उनकी विकासोन्मुख कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए ये संकीर्ण कार्य किया गया है। श्रीनगर विधानसभा में पिछले 20 वर्षों से जिस खंडखिल सड़क सम्पर्क मार्ग की मांग जनता कर रही हो, उस मार्ग को लेकर जनता आंदोलनरत हो, और आज जब सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ होने का समय आ रहा हो तो सड़क के लिए आंदोलन करने वाली वही जनता विरोध पर उतर जाए, ये बात सरलता से हजम होने वाली नहीं है। स्पष्ट रूप से ये विकास विरोधी तत्वों की कुंठित मानसिकता का परिणाम है।
धन सिंह रॉवत जी की केन्द्र सरकार से लेकर आरएसएस तक उनके मजबूत संबध जगजाहिर हैं। वर्तमान सरकार में उनकी छवि सबसे तेज कार्य करने वाले मंत्री की बनी हुई है। राज्य मंत्री का पद संभालने के बाद से ही उनके पास जितने भी विभाग हैं हर विभाग में धरातल पर काम दिखाई दे रहा है। जनसंवाद से लेकर केन्द्र से कई विकासपरख मदों में बजट लाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। अपनी विधानसभा में भी जनता की मूलभूत समस्याओं पर वह तेजी से कार्य कर रहे हैं। क्षेत्रीय जनता के साथ ही राज्य के लोगों में भी उनकी लोकप्रियता लगातार वढ़ रही है।

मारपीट और धक्कामुक्की जैसी कोई घटना नहीं हुई है। तोड़-मरोड़कर वीडियो वायरल किया गया। यह कांग्रेस की सोची-समझी चाल है। कांग्रेस के कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि खंडखिल में रोड जाए, जबकि अधिकतर लोग चाहते हैं कि गांव तक सड़क का निर्माण हो। उक्त क्षेत्र में न तो इनके खेत हैं और न ही इनके जंगल। गांव वालों की मांग पर सड़क कार्य का शिलान्यास किया। विकास कार्यों से घबराकर इस तरह से कुछ महिलाओं को मोहरा बनाकर विरोध करा रहे हैं।

-सड़क निर्माण मार्ग में सिर्फ 13 पेड़ आ रहे हैं। इनको भी बचाने की कोशिश की जा रही है। शिलान्यास के मौके पर चोपड़ा गांव के लोग भी मौजूद थे। चोपड़ा तक सड़क बनी हुई है, इससे आगे सड़क का निर्माण होना है। जिस स्थान पर सड़क बनाने का विरोध किया जा रहा है, वह चोपड़ा गांव की सीमा में भी नहीं है।

गौरतलब है कि धन सिंह श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। हाल ही उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत चोपड़ा (ब्लॉक थलीसैंण) में चोपड़ा से खंडखिल तक 300 मीटर तक सड़क विधायक निधि से स्वीकृत की है। तकरीबन पांच लाख रुपये की लागत की इस योजना का बीते रविवार की शाम को शिलान्यास होना था, जिसके लिए मंत्री धन सिंह रावत दलबल के साथ पहुंचे। चोपड़ा के ग्राम प्रधान बालम सिंह की मौजूदगी में उन्होंने मोटर मार्ग का शिलान्यास किया। इसके बाद वे चोपड़ा से पैदल खंडखिल के लिए रवाना हुए, जिसके बाद रास्ते में उन्हें महिलाओं ने घेर लिया।

ग्रामवासियों में खुशी की लहर, सरकार का किया धन्यवाद
देश की आजादी के 70 वर्षों बाद मोटर मार्ग से जुड़े चैथान के गांव (बसौला, बगडियाल, समैया, कल्याण खाल)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की घोषणा संख्या 83/2012 के अंतर्गत बसौला, बगडियाल गाँव समैया मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य का शिलान्यास किया। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि सरकार का संकल्प है, 2022 तक देश के हर गांव को मोटर मार्ग से जोड़ना ।

साभार : हेमू रावत

इंद्रजीत सिंह असवाल

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