वृंदावन – International Society for Krishna Consciousness (ISKCON) को Exclusive World Records द्वारा “भगवान श्रीकृष्ण और राधा को समर्पित सबसे बड़ा वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र” घोषित किया गया है। यह गौरवपूर्ण मान्यता ISKCON की विश्वव्यापी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सेवा कार्यों की अभूतपूर्व यात्रा का प्रमाण है। ISKCON वर्तमान में 200 से अधिक देशों में 800 से ज्यादा मंदिरों और केंद्रों के माध्यम से कृष्ण भक्ति का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
यह ऐतिहासिक सम्मान वृंदावन स्थित ISKCON मंदिर में प्रातः 5:00 बजे मंगला आरती के पावन अवसर पर प्रदान किया गया। इस शुभ घड़ी में मंदिर परिसर भक्ति, दिव्यता और आनंद की ऊर्जा से ओतप्रोत था। यह पुरस्कार Exclusive World Records के ऑपरेशन्स हेड डॉ. पंकज खटवानी और राजस्थान हेड डॉ. दीपक थावानी द्वारा हिस होलीनेस जनार्दन स्वामी महाराज, प्रमुख आध्यात्मिक गुरु और ISKCON वृंदावन के नेतृत्वकर्ता को प्रदान किया गया।
इस सम्मान को प्राप्त करते हुए जनार्दन स्वामी महाराज ने भावपूर्ण शब्दों में सभी वैश्विक भक्तों और स्वयंसेवकों के योगदान को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड केवल संख्यात्मक उपलब्धि नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शन, सेवा और सद्भाव फैलाने की ISKCON की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
Exclusive World Records एक प्रतिष्ठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त रिकॉर्ड संस्था है, जो कला, संस्कृति, समाजसेवा, विज्ञान, शिक्षा और आध्यात्मिकता जैसे विविध क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों को प्रमाणित और सम्मानित करती है। इसकी जांच प्रक्रिया अत्यंत प्रमाणिक और विश्वसनीय मानी जाती है।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. पंकज खटवानी ने कहा कि ISKCON का यह वैश्विक आध्यात्मिक योगदान अतुलनीय है, जिसने करोड़ों लोगों के जीवन में आध्यात्मिक जागृति का संचार किया है। डॉ. दीपक थावानी ने इस उपलब्धि को “विश्वभर में प्रेम, सेवा और ज्ञान के प्रसार का प्रतीक” बताया और कहा कि ISKCON का संदेश हर संस्कृति और समाज के दिलों को जोड़ता है।
इस महान उपलब्धि पर Exclusive World Records के मुख्य संपादक डॉ. अनुराग सक्सेना ने भी अपनी शुभकामनाएँ प्रकट कीं। उन्होंने कहा, “ISKCON ने भक्ति, सेवा और विश्वव्यापी प्रचार के माध्यम से जो मिसाल कायम की है, वह अपने आप में अद्वितीय है। हम इस विशेष उपलब्धि के लिए जनार्दन स्वामी महाराज और पूरे ISKCON परिवार को हार्दिक बधाई देते हैं।” उनकी यह शुभकामना संदेश पूरे आयोजन में श्रद्धा और उत्साह का कारण बना।
इस पावन अवसर पर विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालु, संत, समाजसेवी और वरिष्ठ भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मंगला आरती के पश्चात जैसे ही सूर्य की पहली किरणें मंदिर के शिखरों को स्पर्श करने लगीं, सम्पूर्ण वातावरण “हरे कृष्ण” महामंत्र की गूंज से मंत्रमुग्ध हो गया। यह दृश्य न केवल एक सम्मान का क्षण था, बल्कि एक आध्यात्मिक उत्सव बन गया।
यह सम्मान ISKCON वृंदावन के मंदिर में प्रदान किया जाना अत्यंत सार्थक और प्रतीकात्मक था। वृंदावन स्वयं श्रीकृष्ण की लीलाभूमि है और ISKCON का यह मंदिर विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए भक्ति, साधना और दिव्य अनुभूति का केंद्र है। यहां का भव्य मंदिर, नित्य आरती, सत्संग और हरिनाम संकीर्तन वैश्विक भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं।
इस मान्यता से ISKCON के वैश्विक परिवार को नई ऊर्जा, प्रेरणा और दायित्व की भावना प्राप्त हुई है। यह न केवल विगत सेवाओं का सम्मान है, बल्कि भविष्य की दिशा को भी आलोकित करता है। यह रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि जब कोई संस्था प्रेम, समर्पण और अनुशासन के मार्ग पर चलती है, तो वह न केवल आध्यात्मिक रूप से, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी एक क्रांतिकारी प्रभाव डाल सकती है।
आज जब विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है, ISKCON एक दिव्य मार्गदर्शक के रूप में आशा की किरण बनकर उभरा है। Exclusive World Records द्वारा प्राप्त यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि श्रीकृष्ण की भक्ति और वैदिक ज्ञान की शक्ति संपूर्ण विश्व को एक सूत्र में पिरो सकती है।
यह गौरव केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि एक वैश्विक आध्यात्मिक उत्सव है — जो प्रत्येक भक्त के मन में सेवा, भक्ति और विस्तार की प्रेरणा जगाता है। ISKCON आज न केवल सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि एक ऐसा परिवार है जो राधा-कृष्ण के प्रेम और संदेश को विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाने का संकल्प लिए हुए है।