—शंभूनाथ गौतम की त्वरित टिप्पणी
5 साल राजस्थान के राज्यपाल रहे 87 वर्ष के कल्याण सिंह ने आज लखनऊ में भाजपा में फिर से सदस्यता ले ली | उन्हें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सदस्यता दिलाई। कल्याण सिंह यूपी के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। न तो यूपी में न केंद्र में अभी हाल फिलहाल कोई चुनाव नहीं है | ऐसे में भाजपा आलाकमान उन्हें क्या नई जिम्मेदारी देगा ? न तो उनकी इतनी आयु रही है कि वह एक बड़ी रैली को संबोधित कर सकते हैं, न ही चलने फिरने में अब इतने सक्रिय हैं | अच्छा होता वह भी मार्गदर्शक की भूमिका में रहते | हिंदू चेहरे के रूप में बड़ी पहचान रखने वाले कल्याण सिंह का राम मंदिर आंदोलन से पुराना नाता रहा है। छह दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में विवादित ढांचे का विध्वंस किया गया तो कल्याण सिंह ने पूरी घटना की जिम्मेदारी खुद ले ली थी और सरकार से इस्तीफा दे दिया था। आने वाले दिनों में यूपी की 13 सीटों पर विधान सभा उप चुनाव होना है। अनुच्छेद 370 के खत्म होने व तीन तलाक कानून बनने के बाद अब नया समीकरण साधने की जुगत में है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि, हिंदुत्व के समीकरण को साधने के लिए कल्याण सिंह की वापसी हुई है।