5101 कुंडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ का आज हुआ समापन

वाराणसी/चौबेपुर- स्वर्वेद महामंदिर धाम उमरहा में चल रहे विहंगम योग संत समाज के 96 वें वार्षिकोत्सव समारोह एवं 5101 कुंडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ का आज समापन हुआ।
इस अवसर पर देश विदेश से आए हजारों भक्तों को संबोधित करते हुए सद्गुरु आचार्य श्री स्वतंत्र देव जी महाराज ने कहा कि आत्मोद्धार का सर्वश्रेष्ठ साधन है भक्ति।लेकिन आज की भक्ति अज्ञान आडम्बरयुक्त जड़ भक्ति है।जड़ भक्ति से ऊपर उठकर भक्ति के चेतन पथ पर अग्रसर होने की आवश्यकता है।अधिकांश व्यक्तियों का जीवन अविद्या एवं अंधकार में
महाराज जी ने कहा कि जैसे कमल का पत्ता जल से ही उत्त्पन होता है और जल में ही रहता है पर वह जल से लिप्त नहीं होता। ऐसे ही एक विहंगम योगी संसार में रहते हुए संसार के कार्यों को करते हुए भी इससे निर्लिप्त रहता है।
भक्तों को संबोधित करते हुए हुए संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने कहा कि मानव के मन में अशांति है और जब तक यह अशांति है तब तक विश्व में शांति की कल्पना नहीं की जा सकती। अनियंत्रित मन के कारण ही समाज में अनेकानेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। मानव मन की अशांति को विहंगम योग की ध्यान साधना के द्वारा दूर किया जा सकता है। मन के अनियंत्रण से ही अनेक प्रकार की विसंगतियां हमारे भौतिक जीवन मे बढ़ रही हैं।
इस महायज्ञ में आये सभी भक्त शिष्यो ने सद्गुरु देव एवं संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी के समक्ष दोनों हाथ उठाकर विहंगम योग का प्रमुख आध्यात्मिक सद्ग्रन्थ ‘स्वर्वेद’ को जन जन तक पंहुचाने के लिए संकल्पित हुए।
संपूर्ण मंचीय कार्यक्रम में आश्रम के संगीत टीम में. हारमोनियम पर ऋषि जी,ऑर्गन पर प्रदीप जी, सितार वादक अमित सर, तबला पर आत्माराम , बांसुरी वादक रमेश,बेंजो पर सुधीर जी,पैड पर धनराज तथा भजन गायक के रूप में नीरज पाण्डेय, रवि शारदा ,गायिका रंजू सिंह आदि के द्वारा बड़े ही सुमधुर संगीत के धून में भजनो की प्रस्तुति हुई।कार्यक्रम का समापन वंदना, आरती एवं शांति पाठ के द्वारा किया गया। समापन के पश्चात् अनुयायियों ने पंक्तिबद्ध होकर सद्गुरु देव एवं संत प्रवर श्री के दर्शन एवं आशीर्वाद लाभ प्राप्त किये। सभी भक्त दर्शन लाभ प्राप्त कर अपने गंतव्य स्थान को चलते रहे। तीन दिनों तक बहती रही स्वर्वेद की अमृत ज्ञान गंगा।इस आयोजन में प्रतिदिन निःशुल्क योग आयुर्वेद, पंचगव्य, होम्योपैथ आदि चिकित्सा पद्धतियों द्वारा कुशल चिकित्सकों के निर्देशन में रोगियों को चिकित्सा परामर्श के साथ चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई थी।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय के साथ(अजय चौबे)वाराणसी

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