वाराणसी।सीरगोवर्धनपुर, डाफी, बीएचयू रोड स्थित चौरामाता मंदिर के पास मंगलवार को नौ दिवसीय संगीतमय देवी भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। देवी भागवत कथा का शुभारंभ चौरामाता मंदिर से कलश यात्रा निकालकर हुआ। कलश यात्रा में सबसे आगे बैंड बाजा वाले रामधुन बजाते हुए चल रहे थे। उनके पीछे 51 कन्याएं सर पर कलश लिये हुए चल रहे थी। उसके पीछे सैकड़ो महिला व पुरूष श्रद्धालु देवी गीत गाते हुए चल रही थी। चौरामात मंदिर से निकली कलश यात्रा क्षेत्र का भ्रमण कर कथा स्थल पहुंची, जहां देवी भ्ाागवत की पोथी व व्यास गादी का पूजन कर कथा का शुभारंभ्ा हुआ। पहले दिन देवी भ्ाागवत के महात्म्य का वर्णन करते हुए देवी उपासिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने कहा की अादि काल से हमारे पुराणों में शक्तियों की अहम भूमिका रही है। देवी भागवत के बारहों स्कन्ध में सरस्वती, दुर्गा, लक्ष्मी, राधा, गौरी, सीता, सावित्री, जया, क्षमा, शिवा, धात्री, गंगा आदि बारहों देवियों के कल्याणमय चरित्र का वर्णन किया गया है। इन बारहों देवियों की कथा मात्र सुनने से ही जन्मजनमान्तर के सहस्त्रों पाप नष्ट हो जाते है, ऐसी महामाया का कथा श्रवण करने जन्म मरण से मुक्ति मिल जाती है। साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने कहा की बिना शक्ति के मानव लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर सकता है, लेकिन यह भी दुर्भाग्य है की मानव ज्ञान, धन व शक्ति की प्राप्ति के लिए सरस्वती, लक्ष्मी व दुर्गा की पूजा करता है लेकिन वहीं अपने घर में शक्ति स्वरूपा कन्याओं की भ्रूण हत्या करने में थोड़ा भी संकोच नहीं करता है। कन्याएं घर में साक्षात लक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा है, इनका सम्मान करने से भी हम सुखी सम्पन्न बन सकते है। कथा के अंत में भागवत पोथी की आरती कर श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया।
रिपोर्ट-:महेश कुमार राय वाराणसी