26 जनवरी को सूली बाले बाग़ पर आकर शहीदों को दें श्रद्धांजलि

* ज़िले में जलियांवाला बाग से पहले का सूली वाला बाग़ मौजूद है शहीदों के हक की लड़ाई में सहयोग करे

*इस मामले में राजनीति और अहम से ऊपर उठकर फैसले ज़रूरी है

हरिद्वार/रुड़की- देश के शहीद राष्ट्रीय सम्पत्ति है सभ्य समाज मे कोई भी शहीदों को जाति धर्म से जोड़कर नही देखता है।आज भाकियू के प्रदेश महासचिव जहीर फारूकी ने इस प्रकरण में पहल की है उनका कहना है कि हमारे जनपद में जलियांवाला बाग से भी पहले 1857 में सैकड़ों शहीदों की शहादत का गवाह सूली वाला बाग़ है आप सब पुरकाजी क्षेत्र से सूली वाला बाग़ की सच्चाई की जानकारी लेने के लिए सक्षम है पुरकाजी के हरिनगर झबरपुर गांव से निकली तोपों की भी जानकारी लीजये कि क्या DM साहब और SSP के यहां रखी तोपें यहां से निकली या नही ? बस एक बार बड़े बुजुर्गों से जानकारी लो और फिर शहीदो के सम्मान में मैदान में आ जाइये यह जगह पूरे जनपद के लिए शौर्य एवम गर्व का प्रतीक है पहले हुई गलतियों को सुधारने का एक सुनहरा मौका वक्त हम सबको दे रहा है 26 जनवरी के ऐतिहासिक ध्वजारोहण में सभी जनपद वासी आ जाइये 1857 के शहीदों को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी यह मुद्दा सिर्फ भाकियू का नही हर देशभक्त का है।

अधिकारियों से भी अपील है तोपों की सच्चाई पता करें और फिर शहीदों के प्रति अपना हक अदा करें।

– हरिद्वार से तसलीम अहमद

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