1972 से करते थे एक दूसरे को प्यार! बुढ़ापे तक किया इंतज़ार

पटना/ बिहार – आज का नया युग ऐसा है, जहां प्यार के मायने पैच अप और ब्रेकअप तक सीमित रह गए हैं। जहां दो दिन का प्यार नहीं टिकता , जहां कोई किसी का एक दिन भी इंतज़ार नहीं करता, वहीं बिहार के एक नवविवाहित जोड़े ने प्यार की मिसाल कायम की है। जिसने अपने प्यार को पाने के लिए वृद्धावस्था तक इंतजार किया। और आखिरकार शादी के बंधन में बंध गए।
ये अनोखी प्रेम कहानी है बिहार के सोनपुर की। यहां के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में एक ऐसी शादी हुई, जिसमें दूल्हा 75 और दुल्हन 60 साल की है। दोनों ने उम्र के इस पड़ाव में भगवान को साक्षी मानकर एक-दूसरे को भरोसा दिया कि वे जीवन के अंतिम क्षण तक पति-पत्नी का धर्म निभाएंगे। यह शादी दोनों के परिवार वालों की रजामंदी से हुई। शादी से दूल्हा-दुल्हन काफी खुश हैं। दिलचस्प यह है कि यह जोड़ा वर्ष 1972 से एक-दूसरे को प्यार करता है, यानी बचपन के प्यार ने बुढ़ापे तक इंतजार किया। 1972 में वैशाली के लालगंज के रहने वाले वैद्यनाथ प्रसाद ब्लॉक कर्मचारी थे। उसी दौरान वह सुगन संधा के घर में किराए पर रहते थे। इसी दौरान दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे।
वैद्यनाथ शादीशुदा थे इसलिए कभी सुगन के सामने शादी का प्रस्ताव नहीं रख पाए। वैद्यनाथ ने सुगन के नाम पर लाखों की जायदाद खरीदी। कुछ दिन बाद सुगन भी वैद्यनाथ के साथ रहने लगी। वैद्यनाथ के बच्चों को सुगन अपनी संतान समझकर रहती थीं। घरवालों को कोई समस्या नहीं थी। वैद्यनाथ की पहली पत्नी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थी। पिछले साल उसकी मौत हो गई, जिसके बाद परिवार वालों ने रिश्ते को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए उनकी शादी करवाई है।
-नसीम रब्बानी, पटना/ बिहार

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