103 साल के बुजुर्ग ने गुरुद्वारे के नाम दान कर दी जमीन तो बेटा ने झूठे मुकदमें में बूढ़े पिता को भिजवा दिया जेल

शाहजहांपुर- शाहजहांपुर जेल में बंद एक मजबूर बुजुर्ग पिता का दर्द तब छलका जब सर्द रातों में वो ठिठुरने लगा। जेल में बंद ठंड से ठिठुरते 103 वर्ष के बुजुर्ग गुरमीत सिंह ने अपनी दास्तां जब जेल अधीक्षक मिजाजी लाल को सुनाई तो रहम दिल अधीक्षक को बुजुर्ग पर तरस आ गया झूठे केस में जेल की ठंडी हवा खा रहे 103 साल के बुजुर्ग गुरमीत सिंह ने जेल अधीक्षक मिजाजी लाल को बताया कि उसने अपनी जमीन गुरुद्वारे के नाम दान कर दी थी सिर्फ इसी बात से नाराज जमीन के लालची बेटे ने उन्हें झूठे केस में जेल की हवा खिलवा दी। और अब उनसे जेल में मिलने भी परिवार का कोई सदस्य नहीं आता है। वो बुजुर्ग हैं इसलिए कोई काम भी नहीं कर सकते उनके पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं है और न ही पहनने के लिए गर्म कपड़े हैं। ऐसे में जेल के अंदर सर्द रातें उन्हें काटने को दौड़ती हैं। जेल में बंद 103 साल के बुजुर्ग बंदी का दर्द मिजाजी लाल जी से देखा नहीं गया और उन्होंने तुरंत ही समाजसेवी सहयोग संस्था बालों को फोन किया। सिर्फ एक ही कॉल पर सभी का सहयोग करने बाली सहयोग संस्था वाले मजबूर बुजुर्ग के लिए जेल में तमाम गर्म कपड़े लेकर पहुंच गये। सिर्फ इतना ही नहीं सहयोग संस्था ने बहुत ही जल्द बुजुर्ग गुरमीत सिंह को जेल से बाहर निकालने का भी जिम्मा के लिया है। सहयोग संस्था ने आज जेल में बंद 103 वर्ष के बुजुर्ग गुरमीत सिंह को कम्बल, पगड़ी, जैकेट, लोई, कुर्ता पजामा, मोजे ,फल, बिस्कुट ,नमकीन आदि भेंट किए जेल में बंदियों का सहयोग करने बाली सहयोग संस्था में रजनी गुप्ता, तराना जलाल, शाहनवाज खान अपने अन्य साथियों के साथ मौजूद रहे।

– शाहजहांपुर से अंकित शर्मा

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