क़ाज़ी निजामुद्दीन की संस्तुति पर मिला अम्बरीष कुमार को टिकट

रुड़की/हरिद्वार- अम्बरीष कुमार को लोकसभा टिकट दिलाने के बाद मंगलौर विधायक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव क़ाज़ी निजामुद्दीन अब पार्टी को विजयी बनाने के तरीक़ों पर काम करने में जुट गए हैं। अहम बात यह है पार्टी के दूसरे विधायक फुरकान अहमद का भी इस मामले में दृष्टिकोण सकारात्मक है। इस बीच यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष पद पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजीव राठौर को तैनाती देने जा रही है। उनकी नियुक्ति चुनाव प्रक्रिया के मद्दे-नज़र भी हो सकती है।
कांग्रेस के चुनाव अभियान को लेकर क़ाज़ी निजामुद्दीन को कम से कम मंगलौर में कोई समस्या नहीं है। यह उनका अपना गृह क्षेत्र है। यहाँ 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह नहीं देखना पड़ा है। सच तो यह है कि यहाँ का परिणाम 2012 के एक विधानसभा चुनाव के अलावा कभी भी क़ाज़ी निजामुद्दीन की पकड़ से बाहर नहीं गया है। इस बार भी यह उम्मीद किसी को नहीं कि यहाँ हालात कांग्रेस के लिये ख़राब हैं। लेकिन समस्या यह है कि बराबर में बनिया बहुल रुड़की सीट है और दूसरी ओर दलित बहुल झबरेड़ा सीट भी है। झबरेड़ा के मुस्लिम समुदाय को तो कुछ क़ाज़ी निजामुद्दीन, कुछ विधायक फुरकान अहमद और कुछ स्थानीय पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य कमर आलम आदि ने सीधा कर लिया है मगर दलितों के बीच पार्टी के चुनाव संयोजक एस पी सिंह इंजीनियर का चेहरा प्रभावी साबित नहीं हो रहा है। यही स्थिति बनिया बहुल रुड़की की है जहाँ खुद बनिया प्रत्याशी अम्बरीष कुमार के लिये कामयाबी के रास्ते नहीं खुल रहे हैं। इन क्षेत्रों में गुर्जर मतदाता की भी ठीक तादाद है। इसे साधने के लिए कांग्रेस राजीव राठौर को बतौर जिलाध्यक्ष मैदान में उतारने का इरादा रखती बताई जाती है। यूँ भी इन दिनों कांग्रेस के पास कोई प्रभावी गुर्जर चेहरा नहीं है। पूर्व प्रदेश सहकारी बैंक उपाध्यक्ष चौ. महीपाल सिंह हैं लेकिन अम्बरीष कुमार का ज़्यादा भरोसा पूर्व जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष चौ. सुरेंद्र सिंह में दिख रहा है। इसलिये महिपाल सिंह के पास कुछ करने-धरने को नहीं हैं। अम्बरीष कुमार के खास रणनीतिकार राजेंद्र चौधरी एड्वोकेट भी नहीं चाहेंगे कि चौ. महीपाल सिंह, अम्बरीष कुमार के आसपास दिखाई दें। वैसे इन दोनों-चौ. सुरेंद्र सिंह और चौ. महिपाल सिंह-में कोई ग्रामीण जिलाध्यक्ष की दौड़ में नहीं हैं। यह पद दोनों के ही कद से छोटा है। इसलिये राजीव राठौर का जिलाध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है।
मंगलौर क्षेत्र के जाट मतदाता में भी क़ाज़ी निजामुद्दीन का व्यापक प्रभाव देखने में आता रहा है। यूँ भी गन्ना मूल्य और भुगतान को लेकर किसान इन दिनों आक्रोशित है। वह अगर भाजपा को वोट नहीं देगा तो बसपा को भी नहीं देगा। कहने का मतलब यह है कि रुड़की और झबरेड़ा में अगर कोई कमी रहती है तो क़ाज़ी निजामुद्दीन उसे मंगलौर में पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। इसी प्रकार फुरकान अहमद कलियर में पार्टी की बड़े अंतर से जीत तय कर देना चाहते हैं। यह सीट भी ऐसी है जहाँ कांग्रेस को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। इस बार फुरकान अहमद का प्रयास बड़े अंतर का है।

– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट

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