इंदौर- होली के खुमार में लो सब कुछ भूल कर मस्ती में रंग जाते हैं। कुछ ऐसा ही दृश्य इंदौर में भी देखने को मिला। मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में युवाओं ने होली के दिन जमकर मस्ती की। शहर के अधिकतर बड़ो होटलों और गार्डनों में होली की पार्टी आयोजित की गई थी। इस दौरान शहर के कई पॉश इलाकों में आयोजित होली पार्टी के दौरान लड़कियां भी अपने होश में नहीं रही। कई जगहों पर लड़कियां होश खोकर लगातार नाचती रही। इस दौरान साथी लड़कों को उन्हें संभालना पड़ा।
मस्ती, उमंग, उल्लास, एकता और भाईचारे का त्योहार धुलेंडी कल शहर में धूमधाम से मनाया गया। मोहल्लों और कॉलोनियों के बच्चों में उत्साह देखा गया। उन्होंने एक-दूसरे पर तो ठीक आने-जाने वालों पर भी जमकर फुग्गों की बरसात की। इधर, कई परिवारों में गमी की पहली होली होने पर समाज के लोग रंग डालने पहुंचे।
गुरुवार को होलिका दहन के बाद से ही धुलेंडी की मस्ती शुरू हो गई थी। पश्चिम क्षेत्र में राधाकृष्ण का रंगारंग बाना निकला तो ब्रज की लट्ठमार होली का नजारा भी देखने को मिला। देर रात तक हुरियारे चौराहे पर मस्ती और धमाल मचाते रहे। देर रात होली जलाई गई तो सुबह महिलाओं ने जलती होली की पूजा की। धीरे-धीरे बच्चों में होली की धूम मचना शुरू हुई जो देखते ही देखते बड़ों तक पहुंच गई। ये माहौल शहरभर में था लेकिन खासतौर पर मोहल्लों में रंग जमा हुआ था। एक- दूसरे को रंग, अबीर, गुलाल लगाया गया। कई कक्षाओं की परीक्षा चल रही है, इसके बावजूद बच्चे खुद को रंगों के इस त्योहार से दूर नहीं कर सके। इस बार रासायनिक रंगों का प्रयोग बहुत कम देखा गया। युवाओं की टोली ढोलक लेकर वाहनों से इधर-उधर घूमती नजर आई। कुछ परिवारों व सोसायटी में तो बाकायदा डीजे की व्यवस्था की गई थी।
सिंधी समाज ने संस्कारों को नया स्वरूप दे दिया है। होली पर मान्यता रहती है कि मृतक परिवार की पहली होली पर समाजजन रंग डालने जाते हैं। जिस परिवार में गमी होती हैं, सूतक समाप्ति के लिए ये प्रकिया होती है। इस रिवाज को सिंधी समाज ने सामुदायिक संस्कार के रूप में बदल दिया। सभी मृतकों के परिजनों को साधु वासवानी उद्यान में बुला लिया गया था। यहां सभी के मित्र, रिश्तेदार पहुंच गए। महिलाओं के बैठने की अलग व्यवस्था थी।
– दशरथ मीणा, इन्दौर मध्य प्रदेश