हर वर्ष बढ़ती है दक्षिण मुखी अद्भुत गणपति की प्रतिमा की लंबाई: जानते है भगवान की प्रतिमा का रहस्य

उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले के विकास खंड पटेहरा कलां के रामपुर रेक्सा गाँव मे सिरसी बांध के किनारे पर स्थित दक्षिण मुखी गणेश मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र हैं। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग गणेश जी के दर्शन के लिए आते हैं और गणपति बप्पा उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं।इस गाँव के लोगो का कहना है कि गणेश जी यहां मिट्टी में दबे मिले थे जिसके खेत मे मिले थे हल चलाते समय हल फस जाने से लोगो ने मिट्टी की खुदाई करके मूर्ति को निकाला गया और गंगाजल से अभिषेक करके उनको लाल सिंदूर से लेप किया गया उसी समय भगवान गणपति यहां अवतरित हुए थे तभी से वे यहां स्थापित है। इससे यहां की महत्ता और बढ़ जाती है। इनके दरबार से आज तक कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटा, गणपति बप्पा सभी की मनोकामनाएं पूरी करते है।

*पीढ़ी दर पीढ़ी में हुई थी स्थापना कोई नही जानता मूर्ती स्थापित होने की तिथि*

मान्यता है कि गणेश मंदिर की स्थापना पीढ़ी दर पीढ़ी में हुई थी।रामपुर रेक्सा गाँव के रहने वाले कुमार सिंह चौहान ने बताया कि यह वही स्थान है जहां पर गणेश भगवान यहां पर दक्षिण मुखी है यह तंत्र मंत्र के साधक भी यहां पर साधना करने के लिए आते है गणेश जी के साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती के आराधना की जाती है, अद्भुत दर्शन के लिए आज भी भक्तों का रेला उमड़ता है।

*दक्षिणमुखी हैं गणपति की मूर्ति*

गणेश जी की दक्षिणमुखी प्रतिमा बहुत कम ही देखने को मिलती है। मान्यता है कि भारत का यह इकलौता मंदिर है जहां गणेश जी की प्रतिमा दक्षिणमुखी है। इसीलिए इसे विशेष फलदायी कहा जाता है।

*भागीरथी चौधरी की मान्यता पूरी होने पर उसने करवाया मंदिर का चहुमुखी निर्माण*

गाँव के ही प्रमोद शर्मा ने बताया कि पूर्वज बताते है कि भागीरथी चौधरी हाटा मांडा जिला इलाहाबाद के रहने वाले थे वह ससुराल रामपुर रेक्सा में रह कर मजदूरी करते थे उनकी हालत बहुत ही दयनीय थी रोटी रोटी के लिए तरसते थे वह एक दिन घर से भाग कर दिल्ली चले गए और लौट कर आये तो उन्होंने मन्दिर का निर्माण करवाया उनकी मनोकामना पूर्ण हुई है आज उनकी फैक्टरी चलती है दिल्ली में और विदेशों में भी वह हर वर्ष यहां पर भंडारा भी करते है

*सभी दोषों का करते हैं निदान मान्यता है*

कुण्डली दोष हो या मनचाहे वर की इच्छा अथवा सन्तान सुख की कामना, भगवान गणेश के दर्शन से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है। प्रत्येक बुधवार को यहां हजारों लोग गणपति के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
नारायण शर्मा के जमीन में दबे मिले थे गणेश जी
गाँव वालों ने बताया कि नारायण शर्मा रामपुर रेक्सा के ही निवासी है उन्ही के जमीन पर गणेश जी खेत मे हल चलाने के दौरान मीले थे।

*अद्भुत गणेश जी है हर वर्ष उनकी लंबाई बढ़ती है*

गाँव के ज्यादातर लोगों ने बताया कि गणेश जी हर वर्ष कुछ न कुछ बढ़ते है और उनकी प्रतिमा में पहनाये गए कपड़े नही होते जो कपड़े हमेशा पहनाये जाते है वही कपड़े उन्हें नही होते और मंदिर पहले छोटी थी तो उनका सर भी छत से टकराने लगता था।लोगो का कहना है कि गणेश जी जब मीले थे तो उनकी प्रतिमा छोटी थी आज उनकी प्रतिमा बहुत बड़ी लगभग 7 फिट की हो गयी है गाँव वालों ने बताया कि जितनी प्रतिमा ऊपर दिख रही है उतना ही जमीन के अंदर है।अक्सर लोग यहां मंदिर पर आकर दिशा भ्रमित हो जाते है।

✍Written by Brijendra dubey mirzapur

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