सोशल डिस्टेन्सिग का पालन करते हुए घर में ही अदा हुई अलविदा की नमाज़

बिहार/मझौलिया- रमजान का पवित्र महीना अपने खात्मे पर है। इस महीने का आखिरी जुम्मा अलविदा कहलाता है । अलविदा के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग विशेष एहतेमाम करते हैं।
अलविदा का मतलब होता है रुखसत होना ।मझौलिया के गुरचुरवा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने अपने घरों में ही अलविदा जुम्मे की नमाज अदा की गई।
मौलाना मुफ़्ती हशमतुल्लाह ने बताया कि रमजान का महीना साल में एक बार अल्लाह का मेहमान बनकर आता है।रमजान के महीने में नेकी करने पर एक का 70 नेकियों के बराबर फल मिलता है। रमजान में गरीबों की ज्यादा से ज्यादा मदद करनी चाहिए। इस महीने में कमाई से बचे माल जकात निकालना फर्ज है । वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर हर बालिग महिला व पुरुष को रोजा रखते हुए घर में ही अलविदा का नमाज पढ़ी गई । मुफ़्ती हशमतुल्लाह ने बताया कि लिहाजा रोजेदारों को चाहिए कि अपने लिए, समाज के लिए, मुल्क के लिए और पूरी दुनिया के लिए दुआ करें कि अल्लाह पाक हमारे मुल्क और पूरी दुनिया को कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से बचाते हुए इस महामारी को पूरी तरह खत्म कर दे।जिसको लेकर सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अलबिदा के नमाज अपने अपने घरों में सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए नमाज अदा कर मुल्क के सलामती खाश तौर कोविड 19 वायरस से बचाव के लिए दुआ की गई ।

– राजू शर्मा की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।