फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। शहर से लेकर देहात तक लॉक डाउन 4 मे शुक्रवार को जमा अलविदा की नमाज घरों से ही अदा की गई। जिसमें रोजेदार गमगीन नजर आए। शहर से लेकर देहात तक मस्जिदों व ईदगाहो पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। माहे रमजान की अलविदा की आखरी नमाज के तौर पर अदा की गई शहर से लेकर देहात व कस्बो तक की मस्जिदों के गेटों पर ताले लटके रहे। वही दूसरी तरफ रोजेदारों ने घरों मे नमाज अदा कर रमजान के आखिरी जुमा को अलविदा कहा। शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने मुल्क के अमन-ओ-इत्तेहाद और खुशहाली की दुआ कराई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से मस्जिद वीरान है। मुसलमान घरों में ही नमाज अदा कर रहे हैं।
मस्जिदों में चंद लोगों ने ही जुमा नमाज अदा की और बाकी लोगों ने घरों में इबादत करते हुए जुमा अलविदा पर कोरोना के खात्म की दुआ की। जुमा अलविदा की नमाज के साथ ही रमजान ने रुखसत होते-होते छोटी ईद जैसा अहसास भी करा दिया। दरगाह से ऐलान के बाद भी लोग बाजार खुलते ही कपड़े, जूते चप्पल आदि की खरीददारी जमकर की। दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि अलविदा जुमा ईद का एहसास करा जाता है। एक महीने हमारे गुनाहों को माफ करने का सिला वो खत्म हो गया, अल्लाह की बारगाह में माफी मांगकर दुआ मांगी।
जुमे की नमाज के बाद हुई कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ
कोरोना वायरस से बचाव के लिए शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मस्जिद, घरों से विशेष दुआएं की गई। जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम, लाल मस्जिद के इमाम अबू जफर नोमानी, जामा मस्जिद मोहम्मदी के इमाम मुफ्ती मुस्तकीम खां ने कोरोना वायरस से हिफाजत और उसके खात्मे के लिए दुआ कराई। उन्होने ने कहा कि अल्लाह बीमारी को पैदा करने से पहले उसकी दवा को पैदा करता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह भीड़-भाड़ वाली जगह से बचें। मस्जिदों में चंद दो से तीन लोगों ने ही नमाज अदा की।
जुमा अलविदा को लेकर पुलिस प्रशासन रहा एलर्ट
फतेहगंज पश्चिमी। रमजान का आखिरी जुमा अलविदा को लेकर पुलिस प्रशासन एलर्ट रहा। यहां सुबह दस बजे से दोपहर तक एसडीएम मीरगंज राजेश चंद्र, सीओ जगमोहन बुटोला थाना प्रभारी चंद्रकिरण यादव ने मिलकर कस्बे का जायजा लिया। चौकी प्रभारी सतेंद्र कुमार, कांस्टेबल तेजबीर सिंह ने दल वल के साथ कस्वे कि सभी मस्जिदो पर कड़ी सुरक्षा इंतजाम किए हुए थे। कस्बे की अलविदा की नमाज शांतिपूर्ण माहौल में घरों से ही अदा की गयी। यह पहला ऐसा मौका है जब अलविदा की नमाज के दौरान मस्जिदों में सन्नाटा रहा जबकि अलविदा की नमाज में भारी भीड़ भाड़ रहती है लेकिन इस बार कोरोना के कहर से दुनिया भर में लोग नमाज घर पर ही अदा की।।
बरेली से कपिल यादव