उत्तराखंड- उत्तराखंड प्रियंका देवी पिछले 1 साल पहले से लगातार सरकार व बैंकों के चक्कर काटने के बाद आज मजबूर होकर महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड के लिए एक पत्र भेजा है इस पत्र में उन्होंने बिंदुवार अपनी समस्या लिखी हुई है पहले बिंदु पर प्रियंका ने लिखा है पिछले 1 साल से अपने गांव में मसाला उद्योग स्थापित करने के लिए कई बैंकों का नेताओं के चक्कर काट चुकी है परंतु इस में कोई भी बैंक या सरकार उन्हें सकारात्मक जवाब नहीं दे पा रही।
दूसरे बिंदु में प्रियंका ने लिखा है वहां एक अनुभवी महिला है पिछले 12 सालों से अपना छोटा सा बिजनेस देहरादून सेलाकुई में करती थी।जिसका सिविल रिकॉर्ड 786 है लोन रिकॉर्ड भी सुंदर है प्रियंका यहां की मूल निवासी हैं इनकी जमीन की सरकारी कीमत बाईस लाख रुपये है इसके बावजूद भी पहाड़ के कोई भी बैंक प्रियंका को 25 लाख का प्रोजेक्ट मंजूर नहीं कर पा रहे हैं।
बैंकों का कहना है प्रियंका के लिए सरकारी गारंटर लाओ जिसके घर में कोई सरकारी नौकरी वाला न हो क्या उसे सरकारी योजना नहीं मिलेंगी सरकारी योजनाएं सारी रसूखदारों के लिए हैं जैसा की विधित है कि पहाड़ों से लगातार हो रहा है सरकार कहती है कि घाैर आवा अपडा गाैं का वास्ता कुछ करा लेकिन इसके बावजूद भी सरकार ऐसे लोगों को प्रोत्साहन नहीं करती जो वापस अपने गांव में आकर कुछ करना चाहते हैं।
प्रियंका के उद्योग में 5से 6 गाँव को लाभान्वित होना था जिससे कई लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलना था पहाड़ों की बंजर खेती भी आवाद होती।
पिछले 6 माह से प्रियंका मुख्यमंत्री व सतपाल जी महाराज प्रकाश पंत जी मुख्य विकास अधिकारी पाैडी से गुहार लगा चुकी है परंतु काेरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला क्या इसीलिए हम जन प्रतिनिधि चुनते हैं। यही वजह है कि अब बिना सरकारी सहायता के प्रियंका अपने गांव में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर कच्ची की भट्टी लगाने जा रही है।
सरकार हर साल महिलाओं के लिए कई योजनाएं बनाती है परंतु केवल कागजों में सोशल मीडिया पर धरातल पर योजनाएं केवल रसूखदारों को ही मिलती है। प्रियंका ने महामहिम राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह इस बेटी को इसके स्वरोजगार के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर आशीर्वाद देकर अनुग्रहित कीजिएगा।
ऐसा ही प्रियंका ने भारतवर्ष के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से भी अनुरोध किया है की उनकी योजना पीएमईजीपी के तहत जिला उद्योग विभाग से उन्होंने 1 साल पहले रोजगार के लिए आवेदन किया था उद्योग विभाग ने तो फाइल पास कर दी थी लेकिन वित्तीय सेवाएं पहाड़ पर पहाड़ियों के लिए अपने दरवाजे बंद कर चुकी है यही वजह है कि मजबूर होकर प्रियंका ने कच्ची शराब की भट्टी लगाकर स्वरोजगार करने की ठान रखी है।
जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के ओएसडी अभय सिंह रावत सतपाल जी महाराज के पीआरओ राय सिंह नेगी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड सहित पूरे मीडिया परिवार को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने गाँव कांडाखाल कौड़िया में सादर आमंत्रित किया है।
गौरतलब बात यह है कि सरकार ने महिलाओं के लिए महिला सशक्तिकरण विभाग अलग खोल रखा है यह विभाग क्या करता है क्या नहीं करता इसका पता इसी से चलता है उत्तराखंड में कई महिला संगठन वह कई ऐसी संस्थाएं बनी है जो महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में मदद करती है लेकिन शायद प्रियंका पर किसी की नजर नहीं पड़ी।
जिसके कारण आज प्रियंका जिस कार्य को करने जा रही है जिसके लिए उसका जमीर उसे राेक रहा है।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट