बिसवाँ /(सीतापुर) – श्री “सा” जीवत शतचंडी महायज्ञ समिति के संरक्षण में साहित्य सृजन संस्थान (पंजी.) बिसवाँ सीतापुर द्वारा बिसवाँ के ग्राम भदेसिया के यज्ञ स्थल श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर में भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्माचार्य स्वामी ईश्वर दास जी महाराज ने की और संस्थान के अध्यक्ष सन्दीप मिश्र सरस ने कुशल संचालन में विभिन्न कवियों ने काव्यपाठ कर लोगों का मन मोह लिया।
सुकवि अरुण गंवार की वाणी वंदना से कार्यक्रम का शोभित शुभारंभ हुआ अपने काव्य पाठ के क्रम में उन्होंने कहा- राहुल गांधी याक बात गूढ़ि तुम जानि लेव नइ तौ बुढ़ापा मा खुब पछितइहौ। घर की रसोइया का मजै कुछु औरु है होटलन की रोटी तुम कब तक चबैइहौ ।
साहित्यकार संदीप मिश्र सरस के स्वाभिमानी तेवर अलहदा थे, – अनचाहे अनुबंध हमें स्वीकार नहीं। प्रियता पर प्रतिबंध हमें स्वीकार नहीं। जो अपना लगता है, अपना लेते हैं, शर्तों पर संबंध हमें स्वीकार नहीं।।
युवा कवि मुकेश पाण्डेय ने सुनाया- दर्द दिल का किसी को बताते नही। गम अगर कोई हो तो जताते नहीं। वार पर वार दुनिया है करती मगर- बेवजह हम किसी को सताते नहीं।
व्यंग्य के कवि रामदास रतन ने कहकहो का उत्सव कर दिया- गांव गली मा बइठि डॉक्टर आला खूब लगावैं। दवा देति हैं सब मर्जन की मर्ज समझ ना पावैं।
ओज कवि अपूर्व त्रिवेदी ने प्रभावशाली काव्यपाठ किया-सौगंध उठाई हमने जो हम उसको नहीं बुलाएंगे भूलाएंगे। राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे।
कवि अरविन्द सिंह”मधुप”के श्रृंगार के गीत -मिलो तुम आज कुछ ऐसे न तड़पन आज रह जाये,रहें ख़ामोश लब तेरे मगर सब बात कह जाये ने ख़ूब तालियां बटोरीं।
सिधौली की धरती से प्रभावी कवि प्रमोद मिश्र पंचमेश ने अपने विविध काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, – कदम कदम पर शूल बिछे हैं कदम संभाल कर रखना होगा। कदम हो बेदम तो नाक में दम, कदम कदम पर मरना होगा
कार्यक्रम में मनोज गुप्ता एडवोकेट मंजीत यादव सरोज कैलाश शुक्ल संजय बाजपेई सुमित अवस्थी सहित क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग देर रात तक कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम आयोजक द्वय श्री राधा कृष्ण बाल विद्या मंदिर के प्रबंधक ओम प्रकाश मिश्र व अधिवक्ता संकटा प्रसाद शुक्ला द्वारा कलमकारों को स्मृति चिन्ह उत्तरीय देकर सम्मानित किया गया और आए हुए समस्त अभ्यागतों का आभार व्यक्त किया।
– सचिन सक्सेना ,सीतापुर