शंकराचार्य घाट पर मनाया गया नव संवत्सरोत्सव

वाराणसी। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तदनुसार प्रातः 5 से 7 बजे शंकराचार्य घाट पर भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य प्रदान करते हुए नव संवत्सर का स्वागत किया गया। वैदिक मन्त्रोच्चार एवं गंगा आरती के माध्यम से श्रीविद्यामठ के संन्यासी, ब्रह्मचारी एवं बटुकगण नव वर्ष का स्वागत किये।
एवं 11वां वार्षिकोत्सव –
पूज्य शंकराचार्य जी महाराज की प्रेरणा से उनके दण्डी संन्यासी शिष्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज द्वारा वर्ष 2007 में आरब्ध एवं अब तक नित्यप्रति शंकराचार्य घाट पर गंगा किनारे चलने वाले प्रातर्मंगलम् कार्यक्रम का 11वाॅ वार्षिकोत्सव भी आयोजित किया गया।
होगा सनातनी पंचांग का विमोचन –
चारों पीठों के वर्तमान पूज्यपाद शंकराचार्यो द्वारा अनुमोदित एवं विद्याश्री धर्मार्थ न्यास द्वारा प्रकाशित विक्रम संवत् 2075 के नूतन सनातनी का विमोचन किया भि हुआ।
धोती और अंगवस्त्रम् में बटुक पथ संचलन व धवज प्रणाम –
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती न्याय वेदांत महाविद्यालय के बटुकगण गंगा के किनारे नित्य प्रति गाए जाने वाले राष्ट्रध्वज के सम्मान में पथ संचलन कर। ध्वजारोहण स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज के कर-कमलों से संपन्न हुआ। बटुकों द्वारा वैदिक राष्ट्र मंत्र का पाठ भि किया गया। राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर बनारस एवं विदेशी सैलानी भी उपस्थित होकर आरोग्य प्रदाता भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर, वर्ष फल का श्रवण कर नव वर्ष का स्वागत किये।

रिपोर्ट-:महेश कुमार राय वाराणसी सिटी

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