वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर अरुण को मिला हिंदी साहित्य भाषा सम्मान

रुड़की/हरिद्वार- राष्ट्रीय साहित्य अकादमी के सदस्य रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण को उनकी अपभ्रंस विधा में हिंदी साहित्य सेवा के तहत राष्ट्रीय साहित्य अकादमी द्वारा अपभ्रंश हिंदी साहित्य भाषा सम्मान अकादमी सभागार नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। डॉअरुण को अकादमी सम्मान मिलने पर उत्तराखंड समेत देशभर के हिंदी साहित्यकारों में हर्ष की लहर है।
डॉ अरुण से सम्बद्ध साहित्यकार श्री गोपाल नारसन ने बताया कि जाने माने शिक्षाविद् डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा अरूण को इस अकादमी भाषा सम्मान के तहत शाल, प्रशस्ति पत्र एवं ₹100000 की नगद राशि अकादमी के अध्यक्ष डॉक्टर चंद्रशेखर द्वारा प्रदत की गई है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर अरुण को यह सम्मान उनकी अपभ्रंश हिंदी साहित्य सेवा के तहत अपभ्रंश साहित्य में लिखी पुस्तक पर प्रदान किया गया है ।उनकी अपभ्रंश हिंदी साहित्य पर पुष्पनन्दन पुस्तक खासा चर्चित है। यूं तो विभिन्न प्रांतों से आए देशभर के साहित्यकारों में से उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम से एक एक साहित्यकार को उनकी साहित्यिक सेवा के लिए यह सम्मान मिला है,लेकिन डॉक्टर अरुण अपभ्रंश हिंदी साहित्य के ऐसे पहले साहित्यकार है ,जिनको अकादमी सम्मान प्राप्त हुआ है। उन्हें अकादमी सम्मान से विभूषित किया जाने पर सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री साहित्यकार डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, दक्षिण भारत के वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज, जाने माने कवि धनंजय सिंह, उत्तराखंड के जनकवि डॉक्टर अतुल शर्मा, अखिल भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष डॉ चन्द्र शेखर शास्त्री, डॉक्टर अरुण के निकटस्थ साहित्यकार श्री गोपाल नारसन, गीतकार घनश्याम बादल, शिक्षाविद डॉक्टर इंद्रजीत सिंह, शिक्षाविद डॉ मधुराका सक्सेना, सूचना विभाग के सहायक निदेशक डॉ मनोज श्रीवास्तव समेत अनेक राजनेताओं व साहित्यकारों ने डॉक्टर अरुण को इस सम्मान के लिए बधाई दी है।

– सुनील चौधरी देहरादून

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