लॉकडाउन मेे भी नही सुधारी कॉलेजों की व्यवस्था, कॉलेज मे भी नही हैं पूरे मानक

बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय मे इस साल की मुख्य परीक्षाओं को लेकर स्थिति साफ नही है। लेकिन यूनिवर्सिटी और कॉलेज वालों ने लॉकडाउन का सुनहरा अवसर छुट्टी समझकर कर काट दिया। न ही यूनिवर्सिटी ने इस ओर ध्यान दिया कि कितने कॉलेजों के सीसीटीवी कैमरे सही हैं और किन कॉलेजों में वाइस रिकॉर्डर नहीं है। वाइस रिकॉडर इस लिए लगवाए गए थे। जिससे क्लासरुम में बोल कर नकल नहीं हो सके। इन कॉलेजों में इसकी व्यवस्था कराने के निर्देश तक नहीं दिए। जबकि शासन ने यूपी बोर्ड एग्जाम की तर्ज पर ही यूनिवर्सिटी की परीक्षा कराने को कहा है। जिससे यूनिवर्सिटी की परीक्षा भी पूरी तरह से नकल विहीन हो सके। शुरूआत में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी मानक पूरे करने को लेकर सख्ती दिखाई। लेकिन कई कॉलेज वालों ने मानक अनुसार न सीसीटीवी लगवाए न ही पूरे वाइस रिकॉडर लगवाए। ये सब देखने की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक की होती है। केन्द्रों केनिर्धारण के बाद यूनिवर्सिटी की टीम को मानकों की जांच करना था। लेकिन इस पूरे लॉकडाउन इस बारे में न ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ध्यान दिया न ही कॉलेज वालों ने खुद अपने मानक पूरे करने की जहमत उठाई। इस पूरे लॉकडाउन कको यूनिवर्सिटी और कॉलेज वालों ने छुट्टïी की मौज में ही काट दिए। विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा में हमेशा से ही बरेली कॉलेज को सबसे बड़ा केन्द्र बनाया जाता रहा है। शासन के निर्देश आने के बाद बरेली कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे तो लगाए गए। मगर अभी भी कई क्लासरुम के सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े है या तो कईयों में है ही नहीं। आलम ये है कि शासन के निर्देश पर वाइस रिकार्डर लगाने की भी व्यवस्था की गई थी। लेकिन अभी तक मानक के अनुसार कॉलेज में वाइस रिकॉडर भी पूरे नहीं लगवाए गए। जबकि हर बार की परीक्षा में दर्जनों छात्र-छात्राएं नकल करते हुए पकड़े जाते है। इस बार कोरोना के कारण कौन कौन सी क्लास के छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया जाएगा और कौन कौन से क्लास की परीक्षा होगी। ये भी अभी तय नहीं है। चर्चा है कि यूनिवर्सिटी की स्नातक और परास्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षा जरुर होगी। माहौल ठीक होने का इतंजार किया जा रहा है। जैसे ही माहौल ठीक हो जाता है परीक्षा कार्यक्रम घोषित हो जाएगा। बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी की परीक्षा जुलाई में शुरू हो सकती है। बिना मानक के परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण पर शिक्षा विभाग के अफसर भी खामोश है। सवाल उठ रहेहै कि यदि बिना मानक के परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण हो रहा है तो आज तक न ही यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक की ओर से किसी केन्द्र पर कार्यवाई हुई, न ही शिक्षा विभाग की ओर से कोई कार्यवाही हुई। जबकि हर साल मानक पूरे करने को शासन की ओर से निर्देश जारी होते है। यूनिवर्सिटी की परीक्षा में लाइव निगरानी रखी जाएगी। सीसीटीवी और इंटरनेट की मदद से कुलपति और क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी अपने आफिस में बैठे किसी भी केन्द्र पर सीधी नजर रख सकते है। लेकिन बीच बीच में इंटरनेट की खराब स्पीड ने कई बार धोखा दिया। इस बजह से कई बार लाइव फुटेज नहींं मिल पाई। लेकिन इस बार इस कमी को दूर करने के लिए कोई एक्शन नहीं हुआ।।

बरेली से कपिल यादव

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