बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय मे कोरोना महामारी की दूसरी लहर की एक दोबारा के चलते विकास कार्यो को बीच में रोकना पड़ा है। जैसे तैसे पिछले साल माहौल सुधारने के बाद यूनिवर्सिटी की मीडिया सेंटर को शुरू करने के प्रयास किए गए। जिससे की यूनिवर्सिटी को नई पहचान भी मिले और कुछ आय भी होती रही। लेकिन दूसरी लहर में एक बार फिर से मीडिया सेंटर पर ताले लटका दिए। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन को माहौल सुधारने का इंतजार है। जब तक माहौल नहीं सुधर जाएगा तब तक मीडिया सेंटर को बंद ही रहेगा। आपको बता दे कि इस सेंटर पर कई हाई क्वालिटी के कैमरे और उपकरण है जोकि बड़े मीडिया हाउस में ही होती है। जिनकी मदद से बड़ी फिल्म प्रोडेक्शन से लेकर एडिटिंग तक आसानी से की जा सकती है। जोकि आस पास के किसी भी अन्य राज्य विश्वविद्यालय में ये सुविधा नही है। बीते कुछ वर्षो में युवाओ में मोबाइल फोन से शार्टफिल्म बनाने का सबसे ज्यादा क्रेज बढ़ा है। कई ऐसे मोबाइल एप है जिन पर 10 से 22 सेकेंड की शार्ट वीडियो बनाकर आसानी से अपलोड कर सकते है। युवाओं की इसी क्रेज को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बहारी लोगो को भी किराए पर मीडिया सेंटर देने की बात कहीं थी। ऐसा इसलिए जिससे की यूनिवर्सिटी के मीडिया सेंटर को कुछ आमदनी भी हो सके। जिससे की यहां रखे उपकरणों की मरम्मत और रख रखाव का खर्चा निकल सके। मीडिया सेंटर को हाईटेक बनाने के लिए आज के समय के अनुसार प्रयोग होने वाले उपकरण और हाईटेक कैमरे भी आने थे। जिससे की आज के समय के अनुसार यहां पर फिल्म प्रोडक्शन का कार्य हो सके। क्योंकि इस समय जो उपकरण मीडिया सेंटर में वह बेहद पुराने हो चुके है। जबकि बदलते समय के साथ उन आधुनिक प्रणाली के उपकरण मार्केट में आ चुके है। जिसका अब चलन बखूबी हो रहा है और इनके बिना नई तकनीकि की फिल्म नहीं बनाई जा सकती। कैंपस में पत्रकारिता कोर्स भी संचालित किया जाता है। हर साल दर्जनों छात्र प्रवेश भी लेते है। लेकिन लैब बंद होने से आज तक छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकन सीखने का मौका नहीं मिला। यदि मीडिया सेंटर खुल जाता है तो यहां के छात्र-छात्राओं को ट्रेनिग करने दूसरे सेंटर नहीं जाना पड़ेगा।।
बरेली से कपिल यादव