रामजन्म भूमि निर्णय पर साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखें : मुनि पीयूष

करनाल – पंजाब हरियाणा में अलग-अलग स्थानों पर सर्व धर्म संगम द्वारा विभिन्न सम्प्रदायों के धर्मगुरूओं, प्रबुद्ध विचारकों को एक मंच पर इक्ट्ठा कर एक दूसरे के निकट लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कार्यक्रम के सूत्रधार उत्तर भारत गौरव उपप्रवर्तक श्री पीयूष मुनि जी महाराज ने अपने विशेष संदेश में कहा कि पिछली कई शताब्दियों से लम्बित श्री राम जन्मभूमि विषय पर भारतवर्ष के माननीय सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने रिकार्ड 40 दिनों तक लगातार सुनवाई के उपरान्त अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है, जिसे किसी भी दिन सुनाया जा सकता है। ऐतिहासिक तथ्यों, खुदाई से मिले प्रमाणों के आधार पर सत्य के आलोक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले निर्णय को सभी पक्षों को बिना किसी साम्प्रदायिक दुराग्रह और हठ के स्वीकार करना चाहिए।
मुनि जी ने सभी को आह्वान करते हुए कहा कि भारत गणराज्य के नागरिकों को साम्प्रदायिक संकुचितता तथा द्वेष भावना से ऊपर उठकर सत्य का आदर करने की दृष्टि से उदारहृदय से किसी अनावश्यक विवाद को जन्म न देकर कट्टरवादितापूर्ण विषवमन से सामाजिक सौहार्द को बिगाडऩे का कार्य करने से बचना चाहिए और आपसी प्रेम, भाईचारे से निर्णय को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष को ठेस पहुंचाने, नीचा दिखाने या चिढ़ाने का घिनौना एंव समाज को तोडऩे वाला कार्य न करते हुए खुद को साम्प्रदायिक तथा कट्टर सिद्ध करने से बचकर सामाजिक भाईचारे एंव आपसी मेलजोल को सुरक्षित रखने में अपना योगदान देकर आदर्श नागरिक बनें जो भारत को विश्व का सिरमौर राष्ट्र बनाने में अपनी ओर से हर जरूरी सहयोग देने हेतु तत्पर रहे।
जैन मुनि ने विशेष जोर देकर कहा कि सच्चा धर्म मनुष्य को कट्टर तथा साम्प्रदायिक न बनाकर सच्चा इन्सान बनाता है जो धर्म के नाम पर लडऩे-झगडऩे तथा वातावरण बिगाडऩे की बजाए दूसरे धर्म का आदर करता है और उन्हें सब तरह से सहयोग उपलब्ध कराता है।

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