योगी सरकार में गरीब लाभार्थी राशन प्राप्त करने में हो रहे हैं असमर्थ

*कोटेदार योगी सरकार के आदेशों के साथ गरीब लाभार्थियों के प्रति लगा रहे हैं पलीता

फतेहपुर- जनपद के तहसील बिंदकी क्षेत्र कस्बा जहानाबाद पर राशन वितरण की दुकान पर राशन प्राप्ति हेतु गए लाभार्थियों को बार-बार वापस करना,अंगूठा स्कैनिंग न होने पर व दुकान पर राशन खत्म हो जाने की बात कहकर वापस कर देने से संबंधित एक बार पुनः कोटेदारों द्वारा धांधली करनेे की बात सामने आई है जिसमें से कोटेदार के पुत्रों द्वारा राशन आवंटन करते समय गरीब लाभार्थियों को तरह-तरह की बातों से धमकी देना और राशन वितरण के समय कोई न कोई कमी निकालकर राशन ना देने की बात कहते है तथा कुछ कहने पर, कुछ न कर पाने की धमकी देते हुए वापस कर देना एक कड़े शासन के विरुद्ध अपने कार्रवाइयों के प्रति ज्यादा ही बल देने का काम कर रहे हैं जो गरीबों के लिए न्याय हित नहीं है एवं शासन प्रशासन के प्रति भी एक गैर जिम्मेदारी के साथ लापरवाही बरतना स्वभाविक कार्य नहीं दिखाई दे रहा है इसमें सुधार लाभार्थियों के प्रति अति आवश्यक है। प्राप्त जानकारी अनुसार आज कस्बा जहाँनाबाद के मोहल्ला लालगंज बाजार पर स्थित खाद्यान्न के दुकानदार का नाम रमा देवी है।जहां आज राशन वितरण करने के दौरान गए हुए लाभार्थियों से गलत तरीके से पेश आना कोटेदार रमा देवी के पुत्रों की पुरानी आदत अनुसार पेश आना कोई नई बात नहीं है लाभार्थियों ने बताया कि आज भी हमें हमेशा की तरह वापस कर रहे हैं और बार-बार आधार कार्ड की फोटो कॉपी की मांग करते हैं जबकि कई मर्तबा इनको आधार कार्ड की फोटो कापियां दी जा चुकी हैं और अंगूठा स्कैनिंग मशीन पर अंगूठा लगाने पर राशन कार्ड शो होने पर भी बताया जाता है कि राशन कार्ड आपका सुचार रूप से जारी नहीं है ऐसा कहकर वापस कर दिया जाता है हमारे हिस्से का सरकार द्वारा जारी खाद्यान्न यह हमेशा की तरह कहां गायब कर देते हैं यह हमें पता नहीं । ऐसे ही अन्य लाभार्थियों का कहना है कि खाद्यान्न लेते समय दुकानदार पुत्र तनु है जो राशन की सामग्री खत्म होने की बात कहकर वापस कर देते हैं यहां तक की राशन कार्ड कॉपी पर भी लिख देते हैं कि राशन खत्म हो जाने के कारण हम खाद्यान्न प्रदान करने में असमर्थ हैं। तो एक सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो जाता है कि खाद्यान्न विभाग द्वारा जारी लाभार्थियों का खाद्यान्न सामग्री कहां चला गया और कौन ले गया ? प्रत्येक खाद्यान्नों की दुकान पर जो वॉल पेंटिंग के तहत खाद्यान्न दुकानदार का नाम एवं पता तथा मोबाइल नंबर और आपूर्ति अधिकारी का जो मोबाइल नंबर दर्शाया जाता है इस रामादेवी की दुकान पर आपूर्ति अधिकारी का दर्शाया गया नंबर पूर्ण रूप से गलत पाया गया जो मोबाइल नंबर दर्शाया गया है वह नंबर 9954586617 और दूसरा एआरओ नंबर 9935129787 है। इन नंबरों से बात की गई तो प्रथम नंबर आसाम लगा और दूसरे नंबर पर बात हुई तो फैजाबाद से किसी महिला ने फोन उठाया। इससे जानकारी हुई कि दोनों दर्शाए हुए नंबर पूर्ण रूप से फर्जी हैं वर्तमान समय की सरकार की कड़ी चेतावनी के बाद भी अभी भी कहीं-कहीं खाद्यान्न के दुकानदार अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं और गरीब लाभार्थियों का राशन बड़े ही रहस्यमयी ढंग से विलुप्त कर जाते हैं। खाद्यान्न की दुकान पर राशन प्राप्ति हेतु गए हुए लाभार्थियों के नाम इंदिरा रानी पत्नी पप्पू राशन कार्ड क्रमांक संख्या 117240016307, निवासी मियांटोला जहानाबाद संगीता पत्नी पत्तर राशन कार्ड क्रमांक संख्या 117240023841 निवासी मियांटोला जहानाबाद और सायरा खातून पत्नी इलियास राशन कार्ड क्रमांक संख्या 117240006750 निवासी काजीटोला जहानाबाद आदि इन्होंने बताया कि हमारी ही तरह अन्य कई लाभार्थी खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित रहते हैं और नाराज होकर वापस चले जाते हैं क्यों कि दुकानदार पुत्र का कहना होता है कि कहीं पर भी आप शिकायत करें हम अपने ही तरीके से गले का आवंटन करेंगे आप कुछ कहे हमें फर्क नहीं पड़ता जबकि सरकार ने अपने जारी किए गए नियमों पर खाद्यान्न लेने गए लाभार्थी का अगर किसी कारणवश अंगूठा स्कैनिंग में दिक्कत हो रही तो उसके आधार कार्ड की क्रमांक संख्या नोट करके लाभार्थी का खाद्यान्न प्रदान किया जाए लेकिन यहां तो दुकानदार घटतौली के साथ साथ पूरा खाद्यान्न सामग्री हजम करने के लिए बैठे हुए हैं जिसमें विभागीय अधिका रियो द्वारा दुकानदारों के प्रति बहुत ही सतर्कता के साथ पेश आने की जरूरत है। जहानाबाद क्षेत्रीय विधायक एवं कारागार राज्य मंत्री खाद्यान्न से संबंधित अपने कड़े रुख के साथ कई कोटेदारों के प्रति अपने कड़े रवैया से पेश आए। खाद्यान उठते समय मंडी समितियों पर भी छापेमारी की और दोषियों के प्रति कड़ी कानूनी कार्रवाई भी कराई लेकिन इन दुकानदारों पर सुधार क्यों नहीं, क्या लाभार्थी इतने कड़े शासन प्रशासन के बावजूद भी खाद्यान्न पाने से वंचित रहेंगे ? जो लोकतंत्र के हित में नहीं हैं, जिस पर सुधार अति आवश्यक है। देखने की बात यह है कि अग्रिम कार्यवाही कब तक संभव है? और लाभार्थियों को खाद्य सामग्री सुचारू रूप से कब तक प्राप्त हो सकती ?

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