बरेली। होली का बाजार तरह-तरह के रंगों से रौनक है। बच्चों से लेकर बड़े बाजार में रंगों की खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन होली पर केमिकल का रंग आपके चेहरे की रंगत को बिगाड़ सकते हैं। इसलिए डॉक्टरो की सलाह है कि इस होली पर बच्चे हो या बड़े केमिकल रंग का प्रयोग न कर हर्बल रंग का इस्तेमाल करें तो अच्छा रहेगा। इससे आपकी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचेगा। होली के अवसर पर बाजारो में मिलावटी अबीर गुलाल की बिक्री जोरोंं पर की जा रही है। कारोबारी ग्राहकों से क्वालिटी के दाम लेकर घटिया गुलाल उपलब्ध करवा रहे है। जो चेहरे के लिए नुकसान दायक साबित हो सकते है। गुलाल में मखमल यानी कि चमक डालने के बजाए महीने धातु का इस्तेमाल कर रहे है जो चेहरे पर खरोंचे डालने में काफी है। इससे चेहरे पर जलन केसाथ चकददे पडऩे की संभावना रहती है। रंगों के त्योहार होली पर बाजार मे तरह तरह की पिचकारियों के साथ ही अबीर गुलाल की बिक्री की जा रही है। मुख्य बाजार कुतुबखाना से लेकर गली मोहल्लों की दुकानों पर भी मिलावटी गुलाल की बिकी हो रही है। खाद्य विभाग के अफसर छापामार कार्रवाई के बजाए उनको बढ़ावा दे रहे है। उनका कहना है कि हमारे दायरे में खाद्य पदार्थो के सैपिंल की जिम्मेदारी रहती है। रंगों व गुलाल की बिक्री शिकायत आने पर ही दिखवाया जा सकता है। मुख्य बाजार मे शुमार कुतुबखाना चौराहे से आलमगिरिगंज वाले रास्ते और घंटा घर केसामने मिलावटी गुलाल बेरोकटोक बेचा जा रहा है। किला और शाहमतगंज बाजार में भी खुले रूप में मिलावटी सामान की बिक्री जोरों पर की जा रही है। जबकि पैकिट वाले ब्रांडेड गुलाल की बिक्री कम हो रही है। बाजार मे केमिकल युक्त रंगों की भरमार है। इन केमिकल रंगों का त्वचा के साथ-साथ शरीर पर गहरा असर पड़ता है। जो बाद में आसानी से उतर नही पाता। इसलिए होली पर हर्बल और प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए।।
बरेली से कपिल यादव