महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी अंजना सोनी:मॉडिलिंग के साथ योगा व डांस में बनाई विशेष पहचान

*माता-पिता ने रोका लेकिन ससुराल पक्ष ने दिया पूरा सहयोग
*स्वयं की संस्था के साथ-साथ एनेक सामाजिक संस्थाओं में दे रही है अपना सहयोग
*अपनी सफलता का श्रेय पति नीरज वर्मा को दिया
*हरियाणवी हांस्य धारावाहिक रंग में कर चुकी हैं अभिनय
*सुनार सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं अंजना सोनी

रोहतक/हरियाणा – हरियाणा की संस्कृति का अपना ही खास अंदाज है। भले ही किसी प्रदेश से आया हो हरियाणा की माटी की सुंगध उसके मन में बरबस ही रचा बस
जाती है। ये कहना है सोनी टीवी के चर्चित बुग्गी-वुग्गी में मदर्स-स्पेशल डांस का खिताब जीतने वाली अंजना सोनी का।
26 अगस्त 1977 को कॉपर (खेतड़ी) के विश्वनाथ के घर पूर्णिमा देवी की कोख से जन्मी अंजना को बचपन से ही नृत्य का शौक था। समय के साथ-साथ प्रतिभा तो निखरती गई लेकिन माता-पिता और परिवार को ये सब पसंद नहीं था।
स्कूल की अध्यापिका श्रीमती प्रभाकर ने प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अंजना तुम अच्छा नृत्य करती हो। बस फिर क्या था। नृत्य जारी रहा छिपकर। बचपन की सारी शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से शुरू हुई। 10वीं, 12वीं सीबीएससी बोर्ड से की, बीए, एमए जयपुर राजस्थान विश्वविद्यालय से उसके बाद शादी के बंधन में बंध गई और राजस्थान से हरियाणा के भिवानी में आ गई, पर शिक्षा लेने का जुनून और कुछ कर गुजरने की इच्छा उनकी जानते नहीं हुई और फिर भी लगी रही। किसी ने सच ही कहा है कि किसी की भी कामयाबी के पीछे किसी ना किसी का हाथ होता है।
अंजना सोनी ने बताया कि उनकी कामयाबी के पीछे उनके पति नीरज वर्मा का पूरा पूरा योगदान और भरपूर सहयोग रहा है शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने शिक्षा को फिर से सुरु किया और आगे बढ़ती चली गई। बीएएड, एमएड रोहतक विश्वविद्यालय से, डांस डिप्लोमा किया, जेबीटी मेन और योगा मेन में बीए बुंदेलखंड
यूनिवर्सिटी से की, एमए उत्तराखंड यूनिवर्सिटी, योगा डिप्लोमा चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी जींद से, योगा में एनएसएनआईएस क्या पटियाला से, योगानाथ नाथुरोपथी में पीएचडी की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी जयपुर से। साथ ही साथ कई कंपनियों की ब्रांड एंबेसडर भी बनी है कई अच्छे पदों से नवाजी भी गई है जैसे हुमन राइट्स एंटी करप्शन फोर्स की ऑल इंडिया चेयर पर्सन बनाई गई।
अंजना सोनी राष्ट्रीय बाल विकास महिला आयोग की नेशनल डायरेक्टर बनाई गई। पुलिस सहायता संगठन की इंचार्ज बनाई गई। इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट की इंचार्ज बनी। संपूर्ण सुनार सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। आज और भी कई अच्छी पदों पर इनकी काबिलियत को देखकर इनको नियुक्त किया गया।
समाज के क्षेत्र में हमेशा बहुमूल्य योगदान इनका रहा और अब अपना एक बहुत बड़ा एनजीओ लोक विकास और वृद्धि आयोग के नाम से यह चला रही हैं। जिसमें जरूरतमंद लोगों की मदद करती हैं, महिलाओं और औरतें को स्वावलंबी बनाने की स्कीम चालू करती है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी समाज को बहुत बड़ा अपना योगदान दे रही है। योग के जरिए लोगों को स्वस्थ रखने के लिए प्रेरित करती है। पूरे देश भर में अपनी योगा की क्लासेस जगह-जगह जाकर देती है। साथ-साथ विदेशों में भी अपने योग का परचम लहरा रही हैं संघर्ष का यह दौर उनका यहीं खत्म नहीं हो जाता, आज भी संघर्ष कर रही है।
अपने लिए भी और लोगों के लिए भी। उनकी
कोशिश यही रहती हैं कि हमारे युवा जो आज परेशान है नौकरी को लेकर उन्हें रोजगार प्रदान किया जाए और उनकी मदद की जाए। सुनार सभा की राष्ट्रीय
अध्यक्ष भी हैं और आज एक्टिंग, मॉडलिंग, डांसिंग, योगा, एथलीट और कयाकिंग देश का नाम विदेशों में भी रोशन कर रही हैं। शादी के सात वर्ष बाद मुद्रा नृत्य अकादमी के निदेशक संजय शर्मा ने अंजना की प्रतिभा को बारिकी से तराशा।
अंजना ने हरियाणवीं हांस्य धारावाहिक रंग हरियाणा की दो कडिय़ों में अभिनय किया। इसके बाद अंजना ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर आधारित हरियाणवी एलबम मत मारो मेरी मां में भी शानदार अभिनय किया। अंजना करीब पांच दर्जन स्टेज शो करके दूसरे प्रदेशों में हरियाणवी संस्कृति की भीनी सुगन्ध फैला चुकी है।
इसके साथ-साथ अंजना सोनी कई हिंदी फिल्मों में अपनी भूमिका निभा चुकी हैं जैसे कि यह रात फिर ना आएगी, इन की पहली मूवी थी। महिमा खाटू श्याम जी की, डांस इस किंग, इश्क वाले और भी कई फिल्मों में अपनी भूमिका निभाई है।
यह प्रतिभावान कलाकार हरियाणवीं कार्यक्रमों के अलावा योगा व एथलैटिक्स में भी शानदार खेल का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर पांच स्वर्ण पदक जीत चुकी है। अंजना सोनी ने बताया कि हरियाणवीं भाषा का अपना अंदाज है जब कोई बोलता है तो सामने वाले को करंट लगता है लेकिन भाषा में स्पष्टवाद झलकता है।
हरियाणा की कला समृद्ध है लेकिन इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन तो चाहिए। हरियाणवीं सांग, लोकगीतों का अंदाज निराला है। युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि अच्छे हरियाणवी साहित्य पढ़ें। समझे दादा लख्मीचंद जो बात शताब्दी पहले लिख गए वो आज सत्य हो रही है। हरियाणवीं संस्कृति का कोई सानी नहीं है।
सोनी ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम से वह कितनी जुड़ी है और कहा कि स्लम बस्ती की 12 बेटियों को स्कूल में पढ़ने के लिए भेजने की व्यवस्था की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।